धर्म पुजा पाठ

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शिव भजन डमरू वाले बाबा तुमको आना होगा लिरिक्स

 

डमरू वाले बाबा तुमको आना होगा,

डम डम डमरू बजाना होगा,

माँ गोरा संग गणपति जी को लाना होगा,

डमरू वाले बाबा तुमको आना होगा.....


सावन के महीने में हम कावड़ लेके आएंगे,

पावन गंगा जल से बाबा तुम को नेहलायेगे,

कावड़ियों को पार लगाना होगा,

डम डम डमरू बजाना होगा.....


भांग धतूरा दूध बाबा तुम पे चढ़ायेगे,

केसरियां चन्दन से बाबा तिलक लगाएंगे,

भगतो का कष्ट मिटाना होगा,

डम डम डमरू बजाना होगा.....


तू तो भोले दानी बाबा जग से निराला है,

हाथो में तिरशूल गले सरपो की माला है,

नंदियां पे चढ़ कर आना होगा,

डम डम डमरू बजाना होगा.....

शिव भजन डमरू बजाए अंग भस्मी रमाए

 डमरू बजाये अंग भस्म रमाये और ,

ध्यान लगाये किसका न जाने वो डमरू वाला,

सब देवो में सब देवों में हे वो देव निराला,

डमरू बजाये अंग भस्म रमाये और ध्यान लगाये किसका ,


मस्तक पे चंदा तेरी जाटा में हे गंगा,

रहती पार्वती संग में सवारी हे बुढा नंदा,

हे कैलाशी हे अविनाशी हे कैलाशी हे अविनाशी,

रहता सदा मतवाला

डमरू बजाये.......


बाघम्बर धारी भोला शम्भू त्रिपुरारी,

रहता मस्त सदा शिव की महिमा हे सबसे न्यारी,

भोला भला वो मतवाला,पीवे भंग का प्याला,

डमरू बजाये........


सत्संग मंडल ये गाये ,भोला शम्भू को ध्याये,

जो भी मांगे सो पावे दर से खली ना जाये,

बड़ा हे दानी बड़ा हे ज्ञानी,बड़ा हे दानी बड़ा हे ज्ञानी,

सारा जग का रखवाला ..

जय बोलो शिव भोले की लिरिक्स

 

वो तो बम बम करता आया रे सखी 

जय बोलो शिव भोले की ।। टेर।।

माथे पर चंदा उन्हें ना सुहाय 

वह तो चम चम चंदा चमकाये री सखी 

जय बोलो शिव भोले की ।।१।।

अंग पे हल्दी उन्हें ना सुहाए 

वो तो तन पे भभूति रमाए री सखी 

जय बोलो शिव भोले की ।।२।।

हाथों में मेहंदी उन्हें ना सुहाये 

वो तो त्रिशूल धारा री सखी 

जय बोलो शिव भोले की ।।३।।

गहने जेवर उन्हें ना सुहाये 

वो तो बिच्छू ततैया डाले री सखी 

जय बोलो शिव भोले की ।।४।।

संघ बराती उन्हें ना सुहाय 

वो तो भूत-प्रेत संग लाया री सखी 

जय बोलो शिव भोले की ।।५।।

लड्डू पेड़ा उन्हें ना सुहाय 

वो तो भांग धतूरा खाए रे सखी 

जय बोलो शिव भोले की ।।६।।

ढोल नगारा उन्हें ना सुहाये 

वो तो डमरु बजाता आया री सखी 

जय बोलो शिव भोले की ।।७।।




भजन करती भोले तेरे मंदिर में लिरिक्स

 

भजन करती भोले तेरे मंदिर में 

तेरे मंदिर में र तेरे मंदिर में 

भजन करती भोले तेरे मंदिर में ।। टेरा ।।

 जो मैं होती भोले गंगा और जमुना 

बहती रहती भोले तेरे चरणों में 

भजन करती भोले तेरे मंदिर में ।।१।।

जो मै होती भोले बेला चमेली 

महकती रहती भोले तेरे मंदिर में 

भजन करती भोले तेरे मंदिर में ।।२।।

जो मैं होती भोले घी का दीपक

जलती रहती भोले तेरे मंदिर में 

भजन करती भोले तेरे मंदिर में ।।३।।

जो मैं होती भोले तेरी पुजारीन

भजन करती भोले तेरे मंदिर में 

भजन करती भोला तेरे मंदिर में ।।४।।

जो मैं होती भोले चांद और सूरज 

चमकती रहती भोले तेरे मंदिर में 

भजन करती भोले तेरे मंदिर में ।।५।।

जो मैं होती भोले काली कोयलिया 

कुहकती रहती भोले तेरे मंदिर में 

भजन करती भोले तेरे मंदिर में ।।६।।


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भजन ओ भोले भंडारी हमारे घर आ जाइए

 

ओ भोले भंडारी हमारे घर आ जइयो, अखियाँ तरसे हमारी के दर्श दिखा जियो,

बहुत दिनों से आस लगाईं पर मेरी ना होई सुनवाई अब की बिनती मेरी, ना तू ठुकरा दियो, ओ भोले भंडारी

.........

भागो से चुन चुन भांग मैं लाऊ, प्रेम से पीस के तुज्को पिलाऊ,

अपने हाथो से भोला, मुझे भी पीला दियो,

ओ भोला भंडारी

*********

हर दिन हर पल तुज्को पुकारू

कब तक तेरी राह निहा,रु कार्तिक गोरा गणेश को अपने साथ ले इयो ओ भोले भंडारी

शिव भजन तेरा पल पल बीता जाए

 

तेरा पल पल बीता जाए, मुख से जप ले नमः शिवाय । ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ॥

शिव शिव तुम हृदय से बोलो, मन मंदिर का परदा खोलो। अवसर खाली ना जाए, मुख से जप ले नमः शिवाय ॥

यह दुनिया पंछी का मेला. समझो उड़ जाना है अकेला । तेरा तन यह साथ न जाय, मुख से जप ले नमः शिवाय ॥

मुसाफिरी जब पूरी होगी, चलने की मजबूरी होगी । तेरा बिगड़ा प्राण रह जाये, मुख से जप ले नमः शिवाय ॥

शिव पूजन में मस्त बने जा भक्ति सुधा रस पान किये जा | दर्शन विश्वनाथ के पाय, मुख से जप ले नमः शिवाय ॥

शिव भजन है धन्य तेरी माया जग में


 

हर हर शंकर नमामि शकर,  नमामि देवा महेश्वरा । नमामि पारब्रह्म परमेश्वर, नमामि भोले दिगम्बरा |

है धन्य तेरी माया जग में, ओ दुनिए के रखवाले शिव शंकर डमरू वाले, शिव शंकर भोले भाले

जो ध्यान तेरा धर ले मन में, वो जग से मुक्ति पाए भव सागर से उसकी नैया तू पल में पर लगाए संकट में भक्तो में बड़ कर तू भोले आप संभाले शिव शंकर डमरू वाले...

है कोई नहीं इस दुनिया में तेरे जैसा वरदानी नित्त सुमरिन करते नाम तेरा सब संत ऋषि और ग्यानी ना जाने किस पर खुश हो कर तू क्या से क्या दे डाले शिव शंकर डमरू वाले...

त्रिलोक के स्वामी हो कर भी क्या औघड़ रूप बनाए कर में डमरू त्रिशूल लिए और नाग गले लिपटाये तुम त्याग से अमृत पीते हो नित्त प्रेम से विष के प्याले शिव शंकर डमरू वाले...

तप खंडित करने काम देव जब इन्द्र लोक से आया और साध के अपना काम बाण तुम पर वो मूरख चलाया तब खोल तीसरा नयन भसम उसको पल में कर डाले शिव शंकर डमरू वाले...

जब चली कालिका क्रोधित हो खप्पर और खडग उठाए तब हाहाकार मचा जग में सब सुर और नर घबराए तुम बीच डगर में सो कर शक्ति देवी की हर डाले शिव शंकर डमरू वाले...

अब दृष्टि दया की भक्तो पर हे डमरू धर कर देना 'शर्मा' और 'लख्खा' की झोली गौरी शंकर भर देना अपना ही सेवक जान हमे भी चरणों में अपनाले शिव शंकर डमरू वाले...

भजन कैलाश के निवासी नमो बार बार हूं

 

कैलाश के निवासी नमू बार बार हु, नमू बार बार हु आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू, तार तार तू कैलाश के निवासी नमू बार बार हु, नमू बार बार हु आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू


भक्तो को कभी शिव तुने निराश ना किया,माँगा जिन्हें जो जहाँ वरदान दे दिया,बड़ा हैं तेरा दायजा, बड़ा दातार तू, बड़ा दातार तू आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू

कैलाश के निवासी नमू बार बार हु, नमू बार बार हु आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू


बखान क्या करू में राखो के ढेर का, चपटी बभूत में हैं खजाना कुबेर का,
हैं गंग धार, मुक्ति द्वार, ओम्कार तू, प्रभु ओम्कार तू आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू
कैलाश के निवासी नमू बार बार हु, नमू बार बार हु आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू...
.....


क्या क्या नहीं दिया हे हम क्या प्रमाण दे
बसे गए त्रिलोक शम्भू तेरे दान से
ज़हर पिया, जीवन दिया, कितना उदार तू, कितना उदार तू
आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू
कैलाश के निवासी, नमू बार बार हु, नमू बार बार हु



आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू...
तेरी कृपा बिना न हींले एक भी अनु
लेते हैं स्वास तेरी दया से कनु कनु
कहे 'दाद' एक बार मुझको निहार तू, मुझको निहार तू
आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू
कैलाश के निवासी, नमू बार बार हु, नमू बार बार हु आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू......

काशी का टिकट कटा दे मेरे भोले लिरिक्स

 

काशी का टिकट कटा दे मेरे भोले,

 मैं तो बैठ रेल में आऊ  रे मेरे भोले भंडारी ।। टेर।।

इस पार गंगा उस पार यमुना 

मैं तो गंगा में डुबकी लगाओ रे मेरे भोले भंडारी ।।१।।

ढोने में रबड़ी हाथों में जलेबी 

मैं तो बैठे रेल में खाऊं रे मेरे भोले भंडारी ।।२।।

आक धतूरा और बेल पत्ती 

मैं तो बैरों का भोग लगाऊ रे मेरे भोले भंडारी ।।३।।

हाथों में ढोलक साथ में चिमटा 

 गुरु मंडली के संग गाऊ रे मेरे भोले भंडारी ।।४।।


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भोले तुम्हारे प्यार में दीवाना हो गया हूं शिव भजन

 


भोले तुम्हारे प्यार में दीवाना हो गया हूं 

दीवाना हो गया हूं मस्ताना हो गया हूं 

भोले तुम्हारे प्यार में________।।टेर।।

पहना फकीरी बाना, ये दुनिया जो दे रही ताना-२

तेरे प्यार में क्या शर्माना- २ परवाना हो गया हूं 

भोले तुम्हारे प्यार में________।।१।।

मुझे तेरी याद सतावे, दिन रात नींद नहीं आवे-२

अन्न जल पूरा नहीं भावे-२ बीमार हो गया हूं 

भोले तुम्हारे प्यार में________।।२।।

एक नाम सुना मैंने तेरा, दुनिया से मुखड़ा फेरा - २

हरदम तुझको हेरा-२ हैरान हो गया हूं 

भोले तुम्हारे प्यार में________।।३।।

आया हूं तेरे दर पे, जाऊंगा दीदार करके-२ 

अर्चल राम हटेगा मरके-२ कुर्बान हो गया हूं 

भोले तुम्हारे प्यार में________।।४।।

ओम शिव ओम शिव रटता जा

 

ॐ शिव ॐ शिव ॐ शिव ॐ शिव ॐ शिव रटता जा । नमः शिवाय नमः शिवाय, नमः शिवाय रटता जा |


 शिव शंकर कैलाशपाती है 
अंग बवभुति रमाते है। 
जटाजूत में गंग बिराजै,
 गंगाधर को रटता जा ।
 भांग धतुरा भोग लागत है,
 गले सर्पों की माला रे । 
नदी की असवारी सोहे 
नन्दीश्क्षर को रटता जा |
भष्मासुरको भन्म कराया, 
 "लील अपरम्पार तेरी । 
मोहिनी रूप धारय विष्णु ने लीलघर को रहता जा
सुंदर मंडल थारी महिम गावे 
गाव नर ओं नारी रे 
एस दिनदयाल मेरे दाता
भूतनाथ को रहता जा । 
नमः शिवायु ॐ शिव ॐ शिव
शिव ॐ शिव ॐ शिव रटता जा