ओ भोले भंडारी हमारे घर आ जइयो, अखियाँ तरसे हमारी के दर्श दिखा जियो,
बहुत दिनों से आस लगाईं पर मेरी ना होई सुनवाई अब की बिनती मेरी, ना तू ठुकरा दियो, ओ भोले भंडारी
.........
भागो से चुन चुन भांग मैं लाऊ, प्रेम से पीस के तुज्को पिलाऊ,
अपने हाथो से भोला, मुझे भी पीला दियो,
ओ भोला भंडारी
*********
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
हम से जुड़े रहने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद