लाल किताब के अनुसार तीसरे घर में चंद्र काफल तथा उसके उपाय
लाल किताब के अनुसार तीसरे घर में चंद्र काफल तथा उसके उपाय
तीसरा घर – जन्मकुंडली के तीसरे घर में चंद्र की उपस्थिति से जातक प्रसन्नचित्त, आस्तिक, मधुरभाषी, कफरोगी तथा मिलनसार प्रवृत्ति का होता है। तीसरे घर में चंद्रमा यदि शुभ राशि में हो, उच्च का हो या मित्रक्षेत्री हो तो जातक काव्यप्रेमी, साहसी और छोटे भाइयों से प्रेम करने वाला होता है। चंद्र नीच राशिस्थ हो अथवा लग्नेश तथा षष्ठेश का योग हो तो जातक को चोर व राज्य की ओर से भय रहता है तथा गले के रोग से पीड़ित भी रहता है।
जन्मकुंडली में चंद्र के तीसरे घर के बारे में लाल किताब के लेखक
का मत यह है-
१. साधु हो तो सिद्धि की साधना का मालिक, गृहस्थ हो तो धन-दौलत
का भंडारी । हर हालत में दौलतमंद होगा।
२. सब मालो खान मंदिर दुनियावी शादी मुहब्बत से नफरत करने वाला होगा। छत्रपति शिवाजी की तरह मौत पर भी काबू पा लेने की तरह बुलंद हिम्मत का मालिक होगा, न कभी रिजक की कमी और न ही कभी चोरी होगी।
३. मैदाने जंग में हमेशा फतेहयाब होगा।
४. राजयोग होगा, वाल्दैनी सुख सागर नेक व उम्दा व लम्बा अरसा और उत्तम बल देगा। खुद तसल्ली व दौलत का चश्मा चलता होगा। ५. अस्सी साला उम्र और ताकत का मालिक, खुले दिल का लम्बी अक्ल का नेकनीयत व शराफत का माकूल जवाब देने की हिम्मत वाला होगा ।
चंद्रमा के तीसरे घर के उपाय
लड़की के जन्म पर चंद्र की और लड़के के जन्म पर सूर्य की चीजें दान करें
विवाह होने पर यदि राहु या शुक्र साथ हो तो गेहूं या गुड का दान करें
दौलत या जायदाद के लिए घोड़ा या चकोर पाले
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Bhajan in Sundarkand Mandal
गजानन महाराज भजन
गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है
आवो आवो बेगा आवो, चाव दरश को भारी है
गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है ।। टेर।।
थे आवो जद काम बणेला था पर सारी बाजी है
रणत भँवर गढ़ वाला सुणल्यो चिंता म्हाने लागी है
देर करो ना अब तरशाओ चरणा म अर्ज हमारी है
गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है ।।1।।
रिद्धिसिद्धि ले आवो विनायक दयो दरशन थारा भक्ता न
भोग लगावा धोक लगावा पुष्प चढ़ावा चरणा म
गजानंद थारा हाथा म अब तो लाज हमारी है
गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है।।2।।
भगता की विनती सुन ली है शिव सूत प्यारो आयो हैं
जय जयकार करो गणपति की आकर मन हर्षायो है
बरसलो रस अब भजना में नंदू महिमा न्यारी है
गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है ।।3।।
दूसरा भजन
महाराज गजानंद आओ जी
म्हारी सभा में रंग बरसाओ जी ।। टेर।।
रणत भंवर से आओ गजानंद,
रिद्धि सिद्धि संग में लाओ जी।।१।।
पार्वती के देवापुत्र कहावो,
शंकर के मन भाओजी ।। २।।
चंदन चौकी देवा आप विराजो,
केसर तिलक लगाओ जी।। ३।।
मूषक वाहन देवा आप विराजो
मोदक का भोग लगाओ जी ।।४।।
तानसेन गणपति गुण गावे,
भूल्या न राह दिखाओ जी ।।५।।
chandra ke 12 ghar ke upay
दूसरे घर का उपाय
l मकान कि बुनियाद मैं चांदी के पत्र दबाना सहायक होगा
43 दिनों तक हरे रंग का कोई कपड़ा कन्याओं हो दान करें
लंबी उम्र के लिए पुराने चावल चांदी की दिव्या में बंद करके रखें
तीसरे घर का उपाय
लड़की के जन्म पर चंद्र की और लड़के के जन्म पर सूर्य की चीजें दान करें
विवाह होने पर यदि राहु या शुक्र साथ हो तो गेहूं या गुड का दान करें
दौलत या जायदाद के लिए घोड़ा या चकोर पाले
चौथे घर का उपाय
दूध का व्यापार ना करें
दूध का दान करें
कोई भी शुभ कार्य करने से पहले पानी या दूध का घड़ा सामने रखें
पांचवें घर का उपाय
प्रत्येक काम मैं दूसरे से मशवरा करें
इमानदारी सच्चाई और न्याय पर चले
सोमवार के दिन सफेद कपड़े मैं मिश्री और चावल बांधकर पानी में बहाए
छोटे घर के उपाय
दूध देसी खांड केसर शहद सौफ और चने की दाल मंदिर में दें
दूध और चावल का दान करें
सूर्य मंगल एवं बृहस्पति की चीजों का दान करें
दही का खाना मददगार होगा
घर में खरगोश पालने
अस्पताल या शमशान में नल लगवाए या हुआ खुद बाय
पिता को अपने हाथ से दूध पिलाएं
सातवें घर के उपाय
दूध और पानी न बेचे
24 सल में शादी ना करें
घर में चंद्र की चीजें दूध और पानी हर समय रखें
अपनी मां से कभी झगड़ा ना करें
आठवें घर का उपाय
मंदिर में चने की दाल चढ़ाएं
माता से चांदी और चावल लेकर ,उन्हें चांदी की डिब्बी में संभाल कर घर में रखें
राहु केतु का प्रकोप हो ,तो किसी बोतल में दूध भरकर वीराने में जाकर दबाए
कुए वाले मकान में ना रहे छत पर मकान बनवाए
अपनी मां की दुआएं लेते रहे
शमशान के अहाते के अंदर के कुएं का पानी घर में रखे
चंद्र की वस्तुओं का संग्रह करें।
स्त्रियों के प्रेम के फेरे में न पड़े
नवे घर का उपाय
तालाब की मछलियों को चावल डाले
संगीत में रुचि ले
सरप को दूध पिलाएं
गरीबों को दूध दान दे
दसवें घर का उपाय
नदी दरिया अथवा कुवे का जल घर में रखें
डॉक्टर या वैद्य हकीम का काम ना करें
रात को दूध ना पिए
नित्य मंदिर में जय
मांस शराब पर आइए विधवा औरतों से परहेज रखें
गया हार्वे घर का उपाय
सोने को दूध में बुझाकर उस दूध को पिए
छोटे-छोट 125 पेड़ बाटे या दरिया में बहाए
अगर घर में कोई पत्थर बड़ा हो और दादी उस पत्थर को दूध से धोती रहे तो चंद्र की शक्ति से परिवार बढ़ता है
चांदी में सच्चा मोती जड़वा कर पहने
भैरव मंदिर में दूध चढ़ाएं
पुत्र सुखदेव धन प्राप्ति के लिए दूध का दान
पुत्र को जन्म के बाद 100 दिन तक दादी का चेहरा ना दिखे
बाहर में घर का उपाय
पानी का भूत भर कर काम शुरू करें या काम पर जाए
वर्षा का पानी घर में स्थापित करे
कान में सोना
अपने घर में हैंडपंप या नल न लगवाए
Singh chadke Bhawani Ghar | सिंह चढ़सिंह चढ़ के भवानी घर आई
सिंह चढ़ के भवानी घर आई २
के आज मेरे दिन बदले शेरावालिए ।। टेर ।।
मैं तो घर-घर बांटू री बधाई
दीवाना मेरा दिल उछाले शेरावालिए ।।1।।
तेरा रूप बड़ा है निराला
ना मुख से नजर फिसले शेरावालिए ।।2।।
मेरे घर में हुआ मां उजाला
अंधेरे दिन दूर निकले शेरावालिए ।।3।।
तेरे हलवे का भोग लगाया
तू रोज-रोज आज चखले शेरावालिए ।।4।।
तेरे भक्त कहे ओं मैया
तू चरणों में आज रखले शेरावालिए ।।5।।
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ambe ji ki aarti,jai ambe gouri अंबे जी की आरती, जय अंबे गौरी
ambe ji ki aarti,jai ambe gouri
अंबे जी की आरती, जय अंबे गौरी
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामागौरी ।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ।।टेर।। जय अम्बे०
माँग सिंदूर विराजत टीको मृगमदको ।
उज्ज्वलसे दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥ 1 ॥ जय अम्बे०
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै ।
रक्त-पुष्प गल माला, कण्ठनपर साजै ॥ 2 ॥ जय अम्बे ०
केहरि वाहन राजत, खड्ग खपर धारी ।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी ॥ 3 ॥ जय अम्बे०
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर सम राजत ज्योती ॥ 4 ॥ जय अम्बे०
शुम्भ निशुम्भ विदारे, महिषासुर-घाती ।
धूम्रविलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥ 5 ।। जय अम्बे•
चण्ड मुण्ड संहारे, शोणितबीज हरे ।
मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥ 6 ।।जय अम्बे०
ब्रह्माणी, रुद्राणी तुम कमलारानी ।
आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी ॥ 7।।जय अम्बे०
चौंसठ योगिनि गावत, नृत्य करत भैरूँ ।
बाजत ताल मृदंगा औ बाजत डमरू ॥ 8।।जय अम्बे०
तुम ही जगकी माता, तुम ही हो भरता ।
भक्तनकी दुःख हरता सुख सम्पति करता ॥ 9 ।।जय अम्बे०
भुजा चार अति शोभित, वर- मुद्रा धारी ।
मनवाञ्छित फल पावत, सेवत नर-नारी ॥ 10 ॥ जय अम्बे०
कंचन थाल विराजत अगर कपुर बाती ।
(श्री) मालकेतुमें राजत कोटिरतन ज्योती ॥ 11 ॥ जय अम्बे०
(श्री) अम्बेजीकी आरति जो कोइ नर गावै ।
कहत शिवानँद स्वामी, सुख सम्पति पावै ॥ 12 ॥ जय अम्बे०
shradh 2023 dates | पितृ पक्ष 2023 की तारीखे
shradh 2023 dates | पितृ पक्ष 2023 की तारीखे अर्थात किस तारीख को किस तिथि का श्राद्ध हो रहा है यह इस लेख में जानेंगे ।
2023 में श्राद्ध पक्ष 29 सितंबर से शुरू होगा तथा सर्वपपितृ अमावस्या 14 अक्टूबर 2023 के दिन पूर्ण हो जाएगा । आईए जानते हैं तारीख के अनुसार
पूर्णिमा श्राद्ध
29 सितंबर 2023 शुक्रवार
प्रतिपदा एकम का श्राद्ध
30 सितंबर 2023 शनिवार दोपहर 12:22 तक
दूज का श्राद्ध
30 सितंबर 2023 शनिवार दोपहर 12 22 के बाद तथा जो लोग जल्दी श्राद्ध निकालते हो 1अक्टूबर 2023 रविवार को 9:41 तक दूज रहेगी ।
तृतीय तीज का श्राद्ध
1 अक्टूबर 2023 रविवार को सुबह 9:42 के बाद
चतुर्थी चौथ का श्राद्ध
2 अक्टूबर 2023 सोमवार को
पंचमी का श्राद्ध
3 अक्टूबर 2023 मंगलवार को
छठ का श्राद्ध
4 अक्टूबर 2023 बुधवार को
सप्तमी का श्राद्ध
5 अक्टूबर 2023 गुरुवार को
अष्टमी का श्राद्ध
6 अक्टूबर 2023 शुक्रवार को
नवमी का श्राद्ध
7 अक्टूबर 2023 शनिवार को सुबह 8:09 के बाद जिनको सुबह जल्दी श्राद्ध निकालना हो 8 अक्टूबर 2023 को रविवार के दिन 10:13 के पहले निकल सकते हैं ।
दशमी का श्राद्ध
8 अक्टूबर 2023 रविवार को 10:14 के बाद तथा 9 अक्टूबर 2023 सोमवार को दोपहर 12:37 तब भी निकाल सकते हैं ।
एकादशी का श्राद्ध
9 अक्टूबर 2023 सोमवार को 1238 से तथा 10 अक्टूबर 2023 मंगलवार को दोपहर 3:09 तक भी निकाला जा सकता है।
द्वादशी का श्राद्ध
11 अक्टूबर 2023 बुधवार को
त्रयोदशी का श्राद्ध
12 अक्टूबर 2023 गुरुवार को
चतुर्दशी का श्राद्ध
13 अक्टूबर 2023 शुक्रवार को
सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध
14 अक्टूबर 2023 शनिवार को सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध निकल जाएगा इसी दिन श्राद्ध पक्ष समाप्त होगा ।
मातामह श्राद्ध 15 अक्टूबर 2023 नवरात्रि घट स्थापना के दिन किया जाएगा ।
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rashi kya hai ? | राशि क्या है?
राशियों की संपूर्ण जानकारी
ज्योतिष राशि भविष्य के सभी दर्शकों को जय श्री कृष्णा मित्रों लिए जानते हैं राशि किसे कहते है और राशियों के बारे में संपूर्ण जानकारी ।
rashi kya hai ? | राशि क्या है?
जैसा कि आप सभी जानते हैं पृथ्वी चंद्रमा बुध बृहस्पति आदि सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं जिस वृताकार दूरी पर यह सभी ग्रह परिक्रमा करते हैं उसे 12 भागों में बांटा गया है और उनको पहचान के लिए तारों के समूह से बनने वाली आकृति के द्वारा उनका नाम निर्धारित किया गया है।
वृताकार गोला को ( 360°) को 12 से विभाजित करने पर 30 अंश एक राशि का मांन बनता है तथा तारों के समूह से बनने वाली आकृति को एक नाम दिया गया है और उनका नंबर निर्धारित किया गया है जो इस प्रकार है -
१ मेष
२ वृषभ
३ मिथुन
४ कर्क
५ सिंह
६ कन्या
७ तुला
८ वृश्चिक
९ धनु
१० मकर
११ कुम्भ
१२ मीन
आईए जानते हैं राशियों के अंग्रेजी नाम
राशियों के अंग्रेजी नाम
मेष Arise – एरीस
वृषभ Taurus – टोरस
मिथुन Gemini – जैमिनी
कर्क Cancer – कैंसर
सिंह Leo- लिओ
कन्या Virgo वर्गो
तुला Libra – लिब्रा
वृश्चिक Scorpio – स्कोर्पियो
धनु Sagittarius- सजिटेरियस
मकर Capricornus- कैप्रिकॉर्न
कुंभ Aquarius – एक्वेरियस
मीन Pisces – पाइसेज
इन राशियों को तत्व के अनुसार चार विभागों में बांटा गया है आईए जानते हैं राशियों के तत्व
अग्नि तत्व
मेष, सिंह, धनु
पृथ्वी तत्व
वृषभ, कन्या, मकर
वायु तत्व
जल तत्व
कर्क, वृश्चिक, मीन
इसी आधार पर राशियों की मित्रता भी निर्धारित की गई है अग्नि तत्व वाली राशियों की मित्रता वायु तत्व वाली राशियों से होती है तथा पृथ्वी तत्व वाली राशियों की
मित्रता जल तत्व वाली राशियों से होती है अर्थात मेष सिंह धुन मिथुन तुला कुंभ ये राशि आपस में मित्र हैं दूसरी तरफ वृषभ, कन्या, मकर, कर्क, वृश्चिक, मीन यह राशि आपस में मित्र हैं ।
इन राशियों को स्वभाव के आधार पर तीन भागों में बांटा गया है आईए जानते हैं तीन स्वभाव
चर स्वभाव-- मेष, कर्क, तुला, वृश्चिक
स्थिर स्वभाव -- वृषभ, सिंह, वृश्चिक, कुंभ
द्वि स्वभाव-- मिथुन कन्या धनु मीन
राशि के स्वभाव के अनुसार यह व्यक्ति का स्वभाव भी फलादेश के अंदर बताया जाता है इसलिए राशि का स्वभाव जानना बहुत ही ज्यादा जरूरी है।
सभी राशियों के अपने-अपने स्वामी ग्रह हैं जो की फलादेश में बहुत ही अति आवश्यक है इसलिए लिए जानते हैं राशियों के स्वामी ग्रह
सूर्य सिंह
चंद्रमा कर्क
मंगल मेष वृश्चिक
बुध मिथुन कन्या
बृहस्पति धनु मीन
शुक्र वृषभ तुला
शनि मकर कुंभ
इस प्रकार से सभी ग्रहों को दो-दो राशि का स्वामी बनाया गया है परंतु सूर्य और चंद्रमा को सिर्फ एक राशि ही प्राप्त हुई है ।
राशियों को स्त्री पुरुष दो प्रकार से भी अलग-अलग संज्ञा दी गई है आईए जानते हैं कौन सी रशियन स्त्री हैं और कौन सी राशियां पुरुष हैं
स्त्री राशि वृषभ, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर, मीन
पुरुष राशि मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु, कुंभ
आई अब जानते हैं राशियों के रंग सभी राशियों के अलग-अलग रंग है उनके आधार पर
- मेष लाल
- वृषभ सफेद
- मिथुन हारा
- कर्क सफेद
- सिंह धूम्रलाल
- कन्या पांडु रंग
- तुला विचित्र
- वृश्चिक ताम्र
- धनु सोना
- मकर बुरा
- कुंभ कला
- मीन धूम्रपिला
जाति के आधार पर भी राशियों को चार भागों में बांटा गया है जो कि इस प्रकार है
क्षत्रिय मेष, सिंह, धनु
वैश्य वृषभ, कन्या, मकर
शूद्र मिथुन, तुला, कुंभ
विप्र कर्क, वृश्चिक, मीन
गुण और धातु के आधार पर इन राशियों को अलग-अलग बांटा गय आईए जानते हैं हर राशि का गुण और उसके धातु
- मेष तप्त देह गुण पित्त धातु
- वृषभ शीत गुण वायु धातु
- मिथुन तप्त गुण सम धातु
- कर्क शीत गुण कफ धातु
- सिंह उष्ण गुण पित्त धातु
- कन्या शीत गुण वायु धातु
- तुला उष्ण गुण सम धातु
- वृश्चिक शीत गुण कफ धातु
- धनु उष्ण गुण पित्त धातु
- मकर शीत गुण वायु धातु
- कुंभ उष्ण गुण सम धातू
- मीन शीत गुण कफ धातु
इस प्रकार से राशियों के बारे में हमने आपको जानकारी दी आशा करता हूं यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। अगर आपको दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो कमेंट करके जरूर बताएं।