शिव भजन
आओ रे आओ आपा शंकर न मनावा
(तर्ज- अपने पिया की मीरा मै तो बनी रे जोगणिया)
आओ रे आओ आपा शंकर न मनावा,
भोले बाबा का दर्शन पावा हो, बान ध्यावा हो,
आपा शंकर न मनावा ।।टेर।।
अंग भभूती रमावे बाबो,डमरू बजावे जोर स ,
सांपा की फुंकार सुनावे ध्यान लगावे घोर स,
हरहर बमबम भोला बाबो श्मशाना में हो,
बाबो मुसाना म हो,आपा शंकर न मनावा ।।1।।
पेर ओढ़ जाडो चामडो राख लगावे धुनि की,
तीन आंख से देख म्हारो बाबो माथे जटा इढुणी सी,
बळदया ऊपर करे सवारी पी भांग धतूरा हो,
खाकर आक तूमड़ा हो, आपा शंकर न मनावा ।।2।।
आओ आपा अक्डोडयास्यु खूब सजावा बाबा न,
पाणीडा की धार चढावा खूब नुहावा बाबा न,
अर महर मोकळी करसी बाबो टाबरां पर हो
छोरा छापरा पर हो, आपा शंकर न मनावा ।।3।।
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