श्री हनुमान वन्दना
सिन्दूरी चोलो चढ़ै, थारै पवन कुमार ।
विपदा माँई दास नैं, लीज्यो आप सम्हार ।।
(तर्ज - जे हम तुम चोरी से)
के बजरंग बाला नैं, पवन के लाला नै, कोटिन कोटि प्रणाम,
भिखारी तेरै द्वारका ।। के बजरंग बाला नैं ।।
कैसा कैसा काम राजा राम का पटाया ।
दरिया नै लांघ सुध सिया जी की ल्याया ।
अंजनि का लाडल। लाडला, सेवक हो राम का ।। के बजरंग ।।
शक्ति लागी लक्ष्मण कै, मुरछा जद आई ।
संजीवनी ल्याकर, कै ज्यान थी बचाई ।
बाजै है डंका, डंका, श्री बजरंग नाम का ।। के बजरंग ।।
थारै ही भरोसे पै ठान ली लड़ाई ।
बांदराँ की सेना ले कर दी चढ़ाई ।
लंका नै ढा दई, ढा दई, हठ कूण काम का ।। के बजरंग ।।
श्याम बहादुर भी थारो ही पुजारी ।
वीर हनुमान 'शिव' जिन्दगी हमारी ।
सारोगा काज थे, काज थे, थारै गुलाम का ।। के बजरंग ।।
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