मेरा छोटा सा संसार हरी, आजावो एक बार
जोगी का भेष बनाकर के, इस तन पर भस्म रमा करके
मै अलख जगाऊं व्दार, हरी आजावो एक बार
मेरा छोटासा.......
मधुबन की रंगीली कुंजन मे तुम छिपना राधा के मन में
ये पपीहा करे पुकार, हरी आजावो एक बार
मेरा छोटासा......
घनश्याम मुरारी मधुसुदन आवो आवो मेरे व्दारे मन मोहन
ये दुखियाँ करे पुकार हरी आजावो एक बार
मेरा छोटासा.......
मैं तेरा हूँ तु मेरा है, तु जनम जनम से मेरा है
मेरे प्राण के आधार, हरी आजावो एक बार
मेरा छोटासा.......
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