शुक्रवार, 3 जनवरी 2025

मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये

मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये



 मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये

हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये



गैरो ने ठुकराया अपने भी बदल गये है

हम साथ चले जिनके वो दूर निकल गये है

तेरे ही करम पर हूँ , तू बकश या ठुकराये

मुँह फेर जिधर......


माना के मैं पापी हूँ मुझे खबर गुनायो की

बस इतनी सजा देना मुझे मेरे गुनायो की

तेरे दर हो सर मेरा , और साँस में तू आये

मुँह फेर जिधर.....


हम ख़ाख़ नशीनो की क्या खूब तमना है

तेरे नाम पे जीना है तेरे नाम पे मरना है

मरना है तो तेरी , चोखट पे ही मर जाये

मुँह फेर जिधर.....