धर्म पुजा पाठ

हर प्रकार की पूजा, हवन, मंत्र , मुहूर्त, दुर्गा स्थापना मुहूर्त, दीपावली मुहूर्त, गणपति स्थापना मुहूर्त, जाप, पाठ, ज्योतिष, राशिफल, राशि भविष्य, भगवान के 108 नाम, मंत्र, भगवान श्री गणेश, महादेव, विष्णु, लक्ष्मी, हनुमान के मंत्र, पूजा की लिस्ट आदि इस ब्लॉग पर आपको मिलेंगे ।

कहानी लालच की भक्ति

एक बार एक गांव में सेठ हुआ करता था वह अपने व्यापार से संतुष्ट नहीं था वह राजा बनना चाहता था उसे जब भी कोई सत्संग या कोई संत की सेवा करने का अवसर मिलता तो वह यही अपनी इच्छा जाहिर करता कि मुझे राज्य का राजा बनना है ।
एक दिन गांव में कोई संत आए उनसे भी सेठ ने यही इच्छा जाहिर की तब संत ने बताया कि भगवान शिव की तपस्या करने पर तुम्हें बहुत बड़ा राज्य प्राप्त हो सकता है ।
सेठ भी संत की बात मानकर तपस्या के लिए जंगल में चला गया और कई वर्षों तक उसने तपस्या की आखिर एक दिन भगवान शंकर प्रसन्न होकर उसे दर्शन देने आए तब सेठ जी ने भगवान शंकर से राज्य मांगा और भगवान शंकर से बोला है महादेव इस संसार का एकमात्र राजा में ही बन जाऊं परंतु भगवान शंकर बोले यह सेठ ऐसा संभव नहीं है परंतु मैं तुम्हें यह वरदान दे सकता हूं कि आज के दिन जहां तक तुम्हारी दृष्टि पड़ेगी वहां तक तुम्हारा राज्य हो जाएगा भगवान वरदान देकर अंतर्ध्यान हो गए ।
फिर क्या था सेठ को जैसे हि वरदान मिला वैसे ही वह भाग भाग कर अपने दृष्टि से दूर-दूर तक की जमीन को देखने लगा ताकि उसका राज्य बढ़ता ही जाए वह सेठ सुबह से लेकर शाम तक बिना खाना खाए बिना पानी पिए अपना राज्य बढ़ाने के लिए भागत गया और अपने दृष्टि से चारों तरफ देखता रह गया । भूख और प्यास के कारण तथा जोर-जोर से भागने की वजह से शाम के समय भूखप्यास से कमजोरी के कारण सेठ के प्राण निकल गए और वह राज्य उसके कुछ काम आया ही नहीं ।

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

इस कहानी से यही सीख मिलती हैं की लालच से भगवान की भक्ति नहीं करनी चाहिए तथा जो मिला है उसमें संतुष्ट रहना चाहिए ।

कहानी लालच की भक्ति




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

हम से जुड़े रहने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद