Tere poojan ko Bhagwan | तेरे पूजन को भगवान, बना मन मंदिर आलीशान ।

 तेरे पूजन को भगवान, बना मन मंदिर आलीशान ।

​किस ने जानी तेरी माया, किस ने भेद तिहारा पाया ।

ऋषि-मुनि हारे कर-कर ध्यान, बना मन मंदिर आलीशान ।।

​किस ने देखी तेरी सूरत, कौन बनावे तेरी मूरत ।

तू है निराकार भगवान, बना मन मंदिर आलीशान ।।

​पर्वत घाटी नदी समंदर, तू रमता इन सब के अन्दर ।

तेरे बस में सकल जहान, बना मन मंदिर आलीशान ।।

​तू है वन में, तो प्राणन में, तू तरु तरु के पातन में ।

कोई ना दूजा तेरे समान, बना मन मंदिर आलीशान ।।

​जल में थल में तू ही समाया, सब जग तेरा जलवा छाया ।

तू है, घट घट के दरम्यान, बना मन मंदिर आलीशान ।।

​तू राजा को रंक बनाता, तू भिक्षुक को तख्त बिठाता ।

तेरी लीला ईश महान, बना मन मंदिर आलीशान ।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

हम से जुड़े रहने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद