तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार,
उदासी मन काहे को करे।।
नैया तेरी राम हवाले,
लहर लहर हरि आप सम्हाले;
हरि आप ही उठायें तेरा भार
उदासी मन काहे को करे ।।
काबू में मँझधार उसी के,
हाथों में पतवार उसी के;
तेरी हार भी नहीं है तेरी हार,
उदासी मन काहे को करे ।।
सहज किनारा मिल जायेगा,
परम सहारा मिल जायेगा;
डोरी सौंप के तो देख एक बार
उदासी मन काहे को करे ।।
तू निर्मोही निर्दोष, तुझे क्या डर है,
पग पग पर साथी ईश्वर है;
सच्ची भावना से कर ले पुकार
उदासी मन काहे को करे ।।
तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार,
उदासी मन काहे को करे।।
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