Maili chadar Oudh ke kaise | मैली चादर ओढ़ के कैसे

 मैली चादर ओढ़ के कैसे

द्वार तिहारे आऊँ

हे पावन परमेश्वर मेरे

मन ही मन घबराऊँ

मैली चादर ओढ़ के कैसे...!!



तुमने मुझको जग में भेजा

देकर निर्मल काया

आकर के संसार में मैंने

इसमें दाग लगाया

जनम-जनम की मैली चादर

कैसे दाग छुड़ाऊँ

मैली चादर ओढ़ के कैसे...!!



निर्मल वाणी पाकर तुमसे

नाम न तेरा गाया

नैन मूँद कर हे परमेश्वर

कभी न ध्यान लगाया

मन वीणा के तार टूटे

अब क्या गीत सुनाऊँ

मैली चादर ओढ़ के कैसे...!!



इन पैरों से चल कर तेरे

मंदिर कभी न आया

जहाँ जहाँ हो पूजा तेरी

कभी न शीश झुकाया

मैली चादर ओढ़ के कैसे

द्वार तिहारे आऊँ?

हे पावन परमेश्वर मेरे

मन ही मन घबराऊँ,

मैली चा

दर ओढ़ के कैसे

द्वार तिहारे आऊँ?

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