Aai Singh Pe Sawar Maiya oodhe | आई सिंह पे सवार मैया ओढ़े चुनरी

 भजन दुर्गा मैया ॥

आई सिंह पे सवार मैया ओढ़े चुनड़ी।

ओढ़े चुनड़ी, ओ मैया ओढ़े चुनड़ी॥ आई ...........



आदिशक्ति है मात भवानी, जय दुर्गे माँ काली।

बड़े-बड़े राक्षस संहारे, बन रणचण्डी मतवाली।

करती भक्तों का उद्धार, मैया ओढ़े चुनड़ी॥ आई ...........



महिषासुर था महाबली, देवों को खूब सताया।

छीन लिया इंद्रासन और देवों को मार भगाया।

करी देवों ने पुकार, मैया ओढ़े चुनड़ी॥ आई ...........




दुर्गा का अवतार लिया, भक्त महिषासुर संहारी।

दूर किया देवों का संकट, लीला तेरी न्यारी।

किया देवों पे उपकार, मैया ओढ़े चुनड़ी॥ आई ...........




जो कोई जिस मंशा से मैया, द्वार तिहारे जाता।

हर इच्छा होती है पूरी, मुँहमाँगा फल पाता।

'राजू' करता है पुकार, मैया ओढ़े

 चुनड़ी॥ आई ...........


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