॥ भजन दुर्गा जी ॥
आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा।
दिल ने पुकारा तू है मेरा सहारा माँ। आ माँ आ .............
मैंने पूजा की है मन से तेरी साँझ सवेरे।
अब तो मुझको दर्शन देके भाग्य जगा दे मेरे।
मैया मैया बोले मेरा मन इकतारा माँ। आ माँ आ .............
तूने ही पाला है मुझको तू ही मुझे संभाले।
तूने ही मेरे जीवन में पल-पल किये उजाले।
चरणों में तेरे मैंने तन-मन वारा माँ। आ माँ आ .............
मान ले मेरी विनती मैया एक झलक दिखलादे।
रूप की शीतल किरणों से नैनों के द्वार सजा दे।
नैनों का रूप तेरा लगता है प्यारा माँ। आ माँ
आ .............
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