दास तेरे हैं गजानन ध्यान धरते हैं

 

दास तेरे हैं गजानन ध्यान धरते हैं

तेरे चरणों में प्रभु प्रणाम करते हैं

​चार तेरी हैं भुजायें रूप मतवाला

शिव सुवन, गौरी के लाला, भक्त रखवाला

तेरी शक्ती का तो शीव भी मान करते हैं ... तेरे चरणों

​रिद्धि-सिद्धी लाभ और शुभ साथ में लाना

दास का अनुराधा दाता भूल मत जाना

तेरी महिमा का सभी गुणगान करते हैं ... तेरे चरणों

​मेरे अंगना में पधारो है अरज मेरी

गौरी नन्दन जल्दी आओ ना करो देरी

पुष्प चन्दन से प्रभु सन्मान करते हैं ... तेरे चरणों

​बुद्धि के दाता हमें भी ज्ञान दे जाओ

अपनी भक्ती का हमें वरदान दे जाओ

नित्य तेरे नाम का रसपान करते हैं ... तेरे चरणों

​'श्यामसुन्दर' दास तेरा इसको अपनाना

मुरारी मंडल बन गया है तेरा दीवाना

कर दो बेड़ा पार क्यूँ हैरान करते हैं ... तेरे चरणों

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