भाई रे मत दीज्यो मावड़ी न दोष । bhai re mat dijo mavadli ne dosh

 भाई रे मत दीज्यो मावड़ी न दोष,

कर्माँ री रेखा-न्यारी रे न्यारी।

भाई रे एक मावड़ी रे बेटा चार,

च्याराँ की करणी न्यारी रे न्यारी।

भाई रे पेलोड़ो हीराँ रो व्यापारी,

दूजोड़ो कपड़ा बेच रहयो।

भाई रे तीजोड़ो खेताँ म किसान,

चोथोड़ो भिक्षा माँग रहयो ।।१।।

भाई रे एक गाय रे बछड़ा चार,

च्याराँ री करणी न्यारी रे न्यारी।

भाई रे पेलोड़ो सूरज रो सांड,

दूजोड़ो शिवजी रो नींदयो।

भाई रे तीजोड़ो चापो माहीं,

चोथोड़ो घाणी पीस रहयो ।।२।।

भाई रे एक माटी रा कलसा च्यार,

च्याराँ री करणी न्यारी रे न्यारी।

भाई रे पेलोड़ो पूजा रो कलश,

दूजोड़ो चंवरया मांह रहयो।

भाई रे तीजोड़ो पणिहारी रे शीश,

चोथोड़ो मरघट जाय रहयो ।।३।।

भाई रे एक बेलड़ी रे फुलड़ा च्यार,

च्याराँ री करणी न्यारी रे न्यारी,

भाई रे पेलोड़ो चढे मन्दिर माय,

दूजोड़ो गजरा पोवतो।

भाई रे तीजोड़ो पड़ पंखेरू खाय,

चोथोड़ो मुर्दा ऊपर पड़यो ।।४।।

भाई रे मत दीज्यो...

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