Khatu Shyam Bhajan Lyrics
- जी कर रहा है आप पे
- एक रात दुखी मैं होके
- ओ बाबा इतनी कृपा मैं तेरी
- कईया बैठाया हो चुपचाप
- अपने दिल का हाल सुनावण आया हां
- भटके क्यों दर बदर
- प्यारा सा मुखड़ा घुंघराले कैश
- श्याम बाबा को श्रृंगार
- दिलदार कन्हैया ने मुझको
- तुम पग पग पर समझाते
- झुक गए बड़े बड़े सरदार
- कदम कदम पर बचा रहे हो
- सावरे की महफ़िल को सांवरा सजाता
- श्याम तेरे भक्तों को तेरा ही सहारा
जी कर रहा है आप पे
तर्ज़ - जब हम सिमट के आपकी बाँहों में आ गए जी कर रहा है आप पे, ये जान वार दूँ, दो आँखों से मैं आपको, दो आँखों से मैं आपको, कितना निहार लूँ, जी कर रहा हैं आपपे, ये जान वार दूँ।।1।। बैठे हो आप सामने, कैसे नज़र झुके, तारीफ़ आपकी लब पे, रोके भी ना रुके, इक टक रहूं निहारता, इक टक रहूं निहारता, सदियां गुजार दूँ, जी कर रहा हैं आपपे, ये जान वार दूँ।।2।। मैं कैसे कह दूँ आपको, उस चाँद सा हंसी, वो आपसे ही मांगता, खुद अपनी चांदनी, उस चाँद को ही तोड़कर, उस चाँद को ही तोड़कर, चरणों में डाल दूँ, जी कर रहा हैं आपपे, ये जान वार दूँ।।3।। बागों के फूल सांवरे, क्या खुशनसीब है, रहते सदा जो आपके, इतने करीब है, जो बस चले तो फूलों की, जो बस चले तो फूलों की, किस्मत उधार लूँ, जी कर रहा हैं आपपे, ये जान वार दूँ।।4।। बुझते हुए चिराग में, फिर जान आ गई, ‘सोनू’ के चेहरे पर प्रभु, मुस्कान आ गई, तुमको ही देख देख कर, तुमको ही देख देख कर, खुद को संवार लूँ, जी कर रहा हैं आपपे, ये जान वार दूँ।।5।। जी कर रहा है आप पे, ये जान वार दूँ, दो आँखों से मैं आपको, दो आँखों से मैं आपको, कितना निहार लूँ, जी कर रहा हैं आपपे, ये जान वार दूँ।।6।।एक रात दुखी मैं होके
तर्ज़ - ये बंधन तो प्यार का बंधन है एक रात दुखी मैं होके, सो गया था रोते-रोते, सपने में श्याम ने आकर, कहा मुझको गले लगाकर कि मैं हूं ना क्यों चिंता करता है मेरे होते क्यों डरता है.. जो श्याम हरि को देखा तो, धीरज मैंने खोया, लिपट गया चरणों से, फूट-फूटकर रोया , मुस्काकर होले होले,मेरे आंसू पोछे बोलेबोल कि मैं हूं ना क्यों चिंता करता है.. श्याम कहे एक बार जो, मेरी शरण में आया, हार नहीं सकता वो, तू काहे घबराया., जिसको मैंने अपनाया,उस पर है मेरी छाया, कि मैं हूं ना क्यों चिंता करता है.. श्याम की बातें सुनकर भूल गया गम सारे, ऐसा लगा कि मेरा फिर से जनम हुआ रे , किया उनकी और इशारा संतों ने दिल से पुकारा कि मैं हूं ना क्यों चिंता करता है...ओ बाबा इतनी कृपा मैं तेरी
तर्ज़- ओह रब्बा कोई तो बताये इश्क़ होता है क्या बाबा… इतनी कृपा मैं तेरी पाता रहु, तू खाटू बुलाता रहे, ओ… तू खाटू बुलाता रहे और मैं आता रहूं……. भाने लगी हैं तेरे दर की गलियां, तुम्हार्रे दरश से खिले मन की कलियाँ, ओ बाबा… दीदार तेरा यूँ ही पाता रहूं, तू खाटू बुलाता रहे, ओ… तू खाटू बुलाता रहे और मैं आता रहूं… जबसे तेरी चौखट पे सर ये झुका है, तबसे मेरा कोई काम ना रुका है, ओ बाबा… सर यूँ ही दर पे मैं झुकाता रहूं, तू खाटू बुलाता रहे, ओ… तू खाटू बुलाता रहे और मैं आता रहूं…. तू दे रहा है मुझे दाना पानी, तेरा शुक्रिया माधव तेरी मेहरबानी, ओ बाबा… तेरा दिया ही बस मैं खाता रहूं, तू खाटू बुलाता रहे, ओ…कईया बैठाया हो चुपचाप
कईया बेठ्या हो चुपचाप, बाबा थे म्हारा माँ बाप, म्हापे लागी थारी छाप, थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा, ओ थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा॥ थारे हाथा में म्हारी जीवन डौर है, थार आगे ही रोने को मेरो जौर है, म्हाने थारो ही आधार, म्हारो था पर दारमदार, म्हारो सारो परिवार, थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा, ओ थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा॥ मेरो दूजों नही है कोई आसरो, थे ही पीहर हो थे ही म्हारो सासरो, म्हाने थारे से ही आस, म्हारो थारे पर विश्वास, म्हे तो चरणा रा दास, थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा, ओ थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा॥ सारो जीवन बितायो थारे आंगणे, अब कुण के घरा म्हे जावा मांगणे, दूजो कुण दे सी म्हाने, ताना दे सी से थाने, मोको ना द्यो दुनिया ने, थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा, ओ थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा॥ जो भी कहणो थो ‘बिन्नू’ थाने कह दियो, या ही विनती है थे ही लज्जा राखियो, थारी किरपा आया फेर, पासो पलटण में ना देर, दाता सुणल्यो म्हारी टेर, थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा, ओ थारे भरोसे म्हे हाँ साँवरा॥अपने दिल का हाल सुनावण आया हां
अपने दिल का हाल सुनावन आयां हां म्हें तो म्हारा श्याम ने रिझावन आया हां भजन सुणास्यां महिमा गास्यां, श्याम की जय जयकार लगास्यां भूल चूक की माफ़ी माँगा, रुस्योड़ो घनश्याम मनास्यां अपने प्रीतम ने हो हो हो हो हो हो हो हो अपने प्रीतम ने मनावन आयां हां म्हे तो म्हारा श्याम ने रिझावन आया हां श्याम हमारो दिल वालो है, पर थोड़ो सो नखराळो है इकि बातां म्हें जाना हां, यो तो म्हारो घर वालो है घर के मालिक से बतलावण आया हां म्हे तो म्हारा श्याम ने रिझावन आया हां सुख को साथी यो जग सारो, दुःख को साथी श्याम हमारो श्याम ही बिगड़ी बात बनावे, म्हाने श्याम को खूब सहारो उलझी गाठयां ने, सुलझावन आयां हां म्हे तो म्हारा श्याम ने रिझावन आया हां यो जीवन नैया को माझी, श्याम मिजाजी हो जा राजी बिन्नू है चरणां को सेवक, टाबर से क्यांकि नाराजी आंसूंडा की भेंट चढ़ावण आयां हां म्हे तो म्हारा श्याम ने रिझावन आया हांभटके क्यों दर बदर
तर्ज़- क्या खबर क्या पता क्या ख़ुशी है भटके क्यों दर बदर, कर भरोसा श्याम पर, जिसने भी दिल से पुकारा, हर मुसीबत से उबारा, बेसहारों का सहारा, साँवरा मेरा साँवरा, साँवरा मेरा साँवरा, भटके क्यूँ दर-ब-दर, कर भरोसा श्याम पर।। इसके आगे हार जा, तन मन अपना वार जा, लाख हो गहरा समंदर, तू बिना पतवार जा, आके दामन थाम लेगा, फिर किनारा श्याम देगा, जिंदगी भर का मिलेगा, साँवरा मेरा साँवरा, साँवरा मेरा साँवरा, भटके क्यूँ दर-ब-दर, कर भरोसा श्याम पर।। आत्म बल मिल जाएगा, फिर ना तू घबराएगा, दूर हो मंजिल भले ही, रास्ता मिल जाएगा, होंसला तुझको मिलेगा, आंधी में दीपक जलेगा, साथ में हर दम चलेगा, साँवरा मेरा साँवरा, साँवरा मेरा साँवरा, भटके क्यूँ दर-ब-दर, कर भरोसा श्याम पर।। है बहुत चंचल ये मन, फिर भी कर थोड़ा भजन, श्याम ने जीवन दिया है, कुछ तो तू करले जतन, कर नशा इस जाम का, बस हरी गुणगान का, सूर और रसखान का, साँवरा मेरा साँवरा, साँवरा मेरा साँवरा, भटके क्यूँ दर-ब-दर, कर भरोसा श्याम पर।। कौन है तेरा यहाँ, ना किसी से आस कर, है फरेबी ये जमाना, श्याम पर विश्वास कर, दिल लगा दिलदार से, सांवरा सरकार से, ‘संजू’ कहते प्यार से, साँवरा मेरा साँवरा, साँवरा मेरा साँवरा, भटके क्यूँ दर-ब-दर, कर भरोसा श्याम पर।।प्यारा सा मुखड़ा घुंघराले कैसे
तर्ज़- आने से उसके आए बहार प्यारा सा मुखड़ा, घुंघराले केश, कलयुग का राजा, खाटू नरेश, हारे का सहारा है, मेरा श्याम धणी, भक्तों का दुलारा है, मेरा श्याम धणी॥ बन सँवर के बैठा, ये तो दरबार अपना लगा के, देख लो करिश्मा, श्याम चरणों में सर को झुका के, कष्ट कटे दुखड़े मिटें, देता छुटकारा है, मेरा श्याम धणी, भक्तों का दुलारा है, मेरा श्याम धणी॥ आरहे है लाखो, श्याम बाबा का करते है दर्शन, ध्यान से जो देखे, इनके चेहरे में है वो आकर्षण, दीवाना कर देता, ऐसा जादुगारा है, मेरा श्याम धणी, भक्तों का दुलारा है, मेर श्याम धणी॥ जो भी हो जरुरत, सच्चे मन से तू अर्जी लगा दे, चाहिए अगर कुछ, इसकी चौखट पे पल्ला बिछा दे, कितनो के किस्मत की, रेखा को सँवारा है, मेरा श्याम धणी, भक्तों का दुलारा है, मेरा श्याम धणी॥ मुझको जो कुछ मिला है, कैसे शब्दों में वर्णन करूँ मैं, बार बार आकर, इस दाता के पैंया पकड़ूँ, दिल मेरा यूँ बोले, बिन्नू ये तुम्हारा है, मेरा श्याम धणी, भक्तों का दुलारा है, मेरा श्याम धणी॥श्याम बाबा को श्रृंगार
तर्ज़- तेरे होंठों के दो फूल प्यारे प्यारे श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावे, खाटू वाळे को दरबार मन भावै, दुनियाँ का नज़ारा के देखा, के देखा, श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावै। ऐ को मुखड़ों प्यारो प्यारों, ईकी आँख्या जो अमृत की प्याली, ऐ की माथे मुकुट है छापर, मोर पंखियाँ गज़ब की निराली, ऐ का घूंघर वाला बाल, ऐ के हीरो चमके भाल, में चाँद सितारा के देखा के देखा, श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावै। ये तो बदल बदल करे पहरे, नित बाग़ां रंग बिरंगा, कद केसर लाल गुलाबी, कदे धौळा कदे पचरंगा, बागो पेहरे घेर गुमेर, पहरे थोड़ी थोड़ी देर, एक बागो दोबारा ना देखा ना देखा, श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावै। ऐ के मोटा मोटा गजरा, फूल कई भांत का पिरोया, ऊपर से इतर छिड़के, चारो कानी से सेवक है आया, म्हारों बाबो है शौकीन, देख्या तबियत हो रंगीन, गुलशन की बहारा के देखा के देखा, श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावै। बेठ्यो दरबार लगाकर, यो तो मन्द मन्द मुस्कावे, मांगणिया ने यो बांटे, यो प्रेमी से प्रेम बढ़ावे, सारो बाबा को परिवार, बिन्नू श्याम लुटावे प्यार, अठे थारा और म्हारा के देखा के देखा, श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावै।दिलदार कन्हैया ने मुझको
तर्ज – बचपन की मोहब्बत को दिलदार कन्हैया ने, मुझको अपनाया है, रस्ते से उठा करके, सीने से लगाया है..... ना कर्म ही अच्छे थे, ना भाग्य प्रबल मेरा, ना सेवा करि तेरी, ना नाम कभी तेरा, ये तेरा बड़प्पन है, मुझे प्रेम सिखाया है, रस्ते से उठा करके, सीने से लगाया है...... जो कुछ हूँ आज प्रभु, सब तेरी मेहरबानी, शत शत है नमन तुझको, महाभारत के दानी, तूने ही दया करके, जीवन महकाया है, रस्ते से उठा करके, सीने से लगाया है...... प्रभु रखना संभाल मेरी, ये मन ना भटक जाए, बस इतना ध्यान रहे, कोई दाग ना लग जाए, बदरंग ना हो जाए, जो रंग चढ़ाया है, रस्ते से उठा करके, सीने से लगाया है...... अहसास है ये मुझको, चरणों में सुरक्षित हूँ, अहसान बहुत तेरे, भूले ना कभी ‘बिन्नू’, श्री श्याम सुधामृत का, स्वाद चखाया है, रस्ते से उठा करके, सीने से लगाया है.....तुम पग पग पर समझते
तुम पग पग पर समझाते, हम फिर भी समझ न पाते ये कैसा दोष हमारा, हम गलती करते जाते । नादानी जी को जलाये, व्याकुलता बढ़ती जाये, बैरी मोहन मन मेरा, मुझे क्या क्या रंग दिखाये, रंगो के रंगमहल मे, हमे नित नये सपने आते ॥ प्रभु निश्चय अटल बना दे, विश्वास का रंग चढा दे, गुण गाऊंगा मै तेरा, मेरे सारे दोष मिटा दे , निर्बलता से मै हारा, मुझे क्यो न सबल बनाते ॥ प्रभु हार गया अब आओ, मुझे आकार सबल बनाओ , दामन असुवन से भींगा, 'नंदू' यु न अजमाओ, है शरम प्रभु हमें खुद पर, हम फिर भी चलते जाते ॥झुक गए बड़े बड़े सरदार
झुक गए बड़े बड़े सरदार तेरी मोर छड़ी के आगे, तेरी मोर छड़ी के आगे, तेरी मोर छड़ी के आगे, झुक गए बड़े बड़े सरदार तेरी मोर छड़ी के आगे॥ राजा को रंक बना दे निर्धन को सेठ बना दे, झुक गए बड़े बड़े सरदार तेरी मोर छड़ी के आगे, झुक गए बड़े बड़े साहूकार.... चाहे कोई आंख दिखाएं चाहे कोई शान दिखाएं, टूटा अहंकार हर बार, तेरी मोर छड़ी के आगे, झुक गए बड़े बड़े सरदार.... चाहे कोई घात लगाए चाहे प्रतिघात लगाएं, कट गई बड़ी तलवार, तेरी मोर छड़ी के आगे, झुक गए बड़े बड़े सरदार.... यह भक्त तेरी महिमा गाए, चरणों में शीश झुकाए, झुक गया कलयुग का सरदार, तेरी मोर छड़ी के आगे, झुक गए बड़े बड़े सरदार....कदम कदम पर बचा रहे हो
तर्ज़- तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो कदम कदम पर बचा रहे हो ये तुम ही हो जो निभा रहे हो मजबूरियां मेरी समझी तुमने थामे रखा इन हाथों को तुमने रस्ते का कंकर उठा रहे हो ये तुम ही हो जो निभा रहे हो कदम कदम पर बचा रहे ह कमियां कई है श्याम मुझमें अपनाया मुझे संग पापों के तुमने गुनाहों को ढकते जा रहे हो ये तुम ही हो जो निभा रहे हो कदम कदम पर बचा रहे हो कैसे कमल बता श्याम जीते मर जाता ये जख्म सीते सीते हाथों से मरहम लगा रहे हो ये तुम ही हो जो निभा रहे हो कदम कदम पर बचा रहे होसावरे की महफ़िल को सांवरा सजाता
किस्मत वालो के घर में श्याम आता है।। टेर।। गेहरा हो नाता बाबा का जिनसे, मिलने को बाबा आता है उनसे, उनका यह साथी बन जाता है, सावरे की महफ़िल को सांवरा सजाता है।।1।। किरपा बरसती है जिनपे इनकी, तकदीर लिखता हाथो से उनकी, गम का अँधेरा छट जाता है सावरे की महफ़िल को सांवरा सजाता है।।2।। भजन सुनते जो इनके प्यारे, उसके तो परिवार के वारे न्यारे, मंदिर सो घर बन जाता है, सावरे की महफ़िल को सांवरा सजाता है।।3।। कुछ भी असम्बब होता नही है, महफ़िल में इसकी होता यही है, सुनील सब यहाँ मिल जाते है, सावरे की महफ़िल को सांवरा सजाता है।।4।।श्याम तेरे भक्तों को तेरा ही सहारा
श्याम तेरे भक्तों को, तेरा ही सहारा है, बाबा तेरे भक्तों को, तेरा ही सहारा है, श्याम तेरे भक्तों को, तेरा ही सहारा है, बाबा तेरे भक्तों को, तेरा ही सहारा है..... आशा निराशा ने, घेरा परेशान हूं, कैसे बचू इनसे, आखिर तो इंसान हूं, तेरी दया के बिना, ओ बाबा, तेरी दया के बिना, अपना ना गुजारा है, श्याम तेरे भक्तों को, तेरा ही सहारा है, श्याम तेरे भक्तों को, तेरा ही सहारा है...... मालिक तेरे जग का, अंदाज निराला है, भक्तो को पीना पड़ा, यहा जहर का प्याला है, पर वो कभी ना डरे, ओ बाबा, पर वो कभी ना डरे, जिन्हें साथ तुम्हारा है, श्याम तेरे भक्तों को, तेरा ही सहारा है, श्याम तेरे भक्तों को, तेरा ही सहारा है...... किसको कहे अपना, अपने भी बेगाने है, फुरसत नहीं इनको, मतलब के दीवाने है, प्रेमी अपने मिला, ओ बाबा, प्रेमी अपने मिला, जो तुझको दुलारा है, श्याम तेरे भक्तों को, तेरा ही सहारा है, श्याम तेरे भक्तों को, तेरा ही सहारा है..... मीत बनो मेरे, हमें तेरी जरुरत है, अपनों के खातिर सुना, तुम्हें फुरसत ही फुरसत है, नंदू तेरे खातिर, ओ बाबा, नंदू तेरे खातिर, किया सबसे किनारा है, श्याम तेरे भक्तों को, तेरा ही सहारा है, श्याम तेरे भक्तों को, तेरा ही सहारा है......ज्योतिष और लाइव भजनों के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें
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