महाराज गजानंद आओ जी
म्हारी सभा में रंग बरसाओ जी ।। टेर।।
रणत भंवर से आओ गजानंद,
रिद्धि सिद्धि संग में लाओ जी।।१।।
पार्वती के देवापुत्र कहावो,
शंकर के मन भाओजी ।। २।।
चंदन चौकी देवा आप विराजो,
केसर तिलक लगाओ जी।। ३।।
मूषक वाहन देवा आप विराजो
मोदक का भोग लगाओ जी ।।४।।
तानसेन गणपति गुण गावे,
भूल्या न राह दिखाओ जी ।।५।।
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