कबीर दास भजन
तू तो हीरो सो जन्म गवायो भजन बिना बावरा
तू तो अमोला का रत्ना गवायो भजन बिना बावरा ।।टेर।।
कबहु ना बैठयो सतसंगत में कबहु ना हरि गुण गायो
पच पच मर्यो बैल की नाही 2 मूरख जन्म गवायो ।।1।।
यो संसार फूल कोमल सो सुवो बन के लुभायो,
मारी चौच निशक गई पत्तियां २ शीश धूण पछतायो ।।2।।
यो संसार हाठ बनिए की सब जगह सौद आयो,
चतुर सुजान बिणज कर लेवे 2 मूर्ख मूल ठगायों ।।3।।
यो संसार माया को लोभी ममता महल चिनायो
कहतकबीर सुनो भाई साधो 2 हाथ कछु नहीं आयो ।।4।।
Jay kabir daas
जवाब देंहटाएं10&17&09 in ka mulyank ke bare main information nahi di hai
हटाएंBahut badhiya Bhajan
जवाब देंहटाएं