(तर्ज : सखवरिये के तीर खड़ी)
राम नाम अनमोल है प्यारे, सुबह शाम तुम लिया करो।
जो कोई आये द्वार तुम्हारे, उसकी सेवा किया करो।
न मालूम किस वेष में तुमको, नारायण मिल जायेगा।
राम नाम से लगन लगा, बैकुण्ठ द्वार खुल जायेगा।
रूखी सूखी खाय के मैया, ठण्डा पानी पिया करो॥१॥
जो कोई आये द्वार...
अच्छी करनी करो हमेशा, और अच्छा व्यवहार करो।
सदा करो संतसंग प्रभु का, परमेश्वर से प्यार करो।
रोज सबेरे नित्य नियम से, राम का दर्शन किया करो।
जो कोई आये
मात पिता और गुरू-चरणों में, सबसे प्रथम प्रणाम करो।
रामायण को पढ़ो हमेशा, गीता जी का पाठ करो।
जो कुछ देवै तुम्हें रामजी, सन्तोष उसी का किया करो।
जो कोई आये...
राम नाम को भजो चतुर नर, समय बीतता जाता है।
ऐसा अवसर बार बार नहीं, जीवन में फिर आता है।
पाँच अंगुलिया प्रभु ने दी हैं, परम पुण्य कुछ किया करो।
जो कोई आये
देखो मैया राम नाम ही, साथ तुम्हारे जायेगा।
सच्चे मन से भक्ति करलो, जन्म सफल हो जायेगा।
राम नाम का ये अमृत रस, घोंट घोंट कर पिया करो।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
हम से जुड़े रहने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद