गणेश जी के भजन - Ganesh Ji Ke Bhajan Lyrics
विषय सूची
- 1. सजा दो घर को गुलशन सा
- 2. मोरे अंगना गजानन आये री
- 3. मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ
- 4. पांव में घुंघरू हाथों में कंगना
- 5. हे जग वदन गौरी नंदन
- 6. दास तेरे है गजानन
- 7. गणपति कहा जाए
- 8. गजानंद चले आना
- 9. गजानंद सरकार पधारो
1. सजा दो घर को गुलशन सा
सजा दो घर को गुलशन सा मेरे गणराज आए है सजा दो घर को गुलशन सा मेरे गणराज आये है लगी कुटिया भी दुल्हन सी मेरे गणराज आये है ।।1।। पखारो इनके चरणों को बहाकर प्रेम की गंगा बिछा दो अपनी पलकों को मेरे गणराज आये है ।।2।। उमड़ आयी मेरी आँखे देखकर अपने बाबा को हुयी रोशन मेरी गलिया मेरे गणराज आये है ।।3।। तुम आकर फिर नही जाना मेरी इस सुनी दुनिया से कहू हरदम यही सबसे मेरे गणराज आये है ।।4।। लगी कुटिया भी दुल्हन सी मेरे गणराज आये है सजा दो घर को गुलशन सा मेरे गणराज आये है।।5।।
2. मोरे अंगना गजानन आये री
मोरे अंगना गजानन आये री आये री आये मोरे भाग्य जगाये मोरे अंगना गजानन आये री ।।टेर।। विघ्नहरण मंगल सुखकारी कर आये मूसा सवारी द्वार हमारे बड़े प्रेम से सुंड हिलाते ही आये री मोरे अंगना गजानन आये री ।।1।। दीप जले है द्वारन द्वारे शुभ हरियाली वंदन वारे चन्दन चौक पिढ़ैया बैठे लडूअन गटागट खाए री मोरे अंगना गजानन आये री ।।2।। जिस घर में गणराज पधारे उसके हो गये वारे न्यारे आज मोरे घर आके प्रभुजी सोरे भाग्य जगाये री मोरे अंगना गजानन आये री ।।3।। दस दिन रहकर जब जाओगे स्वामी याद बहुत आओगे ये भक्त गजानन तेरी महिमा हरदम गाये री मोरे अंगना गजानन आये री ।।4।। मोरे अंगना गजानन आये री आये री आये मोरे भाग्य जगाये मोरे अंगना गजानन आये री ।।5।।
3. मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ
मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ, आओ जी गजानन आओ ।।टेर।। ब्रह्मा तुम भी पधारो, विष्णु तुम भी पधारो।२। भोले शंकर को साथ ले आओ, आओ जी गजानन आओ।२। मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ, आओ जी गजानन आओ।।1।। लक्ष्मी तुम भी पधारो, गौरा तुम भी पधारो। सरस्वती को साथ ले आओ मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ, आओ जी गजानन आओ।।2।। राम तुम भी पधारो, लक्ष्मण तुम भी पधारो। सीता मैया को साथ ले आओ। मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ, आओ जी गजानन आओ।।3।। श्याम तुम भी पधारो, राम तुम भी पधारो। राधा रानी को साथ ले आओ, मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ, आओ जी गजानन आओ।।4।। हनुमत तुम भी पधारो, नारद तुम भी पधारो। मैया रानी को साथ ले आओ, मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ, आओ जी गजानन आओ।।5।。
4. पांव में घुंघरू हाथों में कंगना
पांव में घुंघरु हाथों में कंगना, आए गजानन गोरा जी के अंगना। 1।। ताता सा पानी सिला रे उबटन नहाए गजानन शंकर जी के अंगना धीरे धीरे गोरा झुलाय रही पलना पांव में घुंघरु हाथों में कंगना, आए गजानन गोरा जी के अंगना ।।2।। पात पीतांबर ध्वजा धोवती पहने रे गजानन भोले जी के अंगना धीरे धीरे गोरा झुलाय रही पलना पांव में घुंघरु हाथों में कंगना आए गजानन गोरा जी के अंगना ।।3।। घिस घिस चंदन भरी रे कटोरी तिलक लगाय रहे,भोले जी के अंगना धीरे धीरे गोरा झुलाय रही पलना पांव में घुंघरु हाथों में कंगना, आए गजानन गोरा जी के अंगना ।।4।। हरे हरे दोने में मगद के लड्डू भोग लगाय रहे,भोले जी के अंगना धीरे धीरे गोरा झुलाय रही पलना पांव में घुंघरु हाथों में कंगना आए गजानन गोरा जी के अंगना ।।5।। कोरे कोरे मटके में ठंडा ठंडा पानी पीवे गजानन,भोले जी के अंगना धीरे धीरे गोरा झुलाय रही पलना पांव में घुंघरु, हाथों में कंगना आए गजानन गोरा जी के अंगना ।।6।।
5. हे जग वदन गौरी नंदन
हे जगवंदन गौरी नंदन, कर दो भव से पार, गजानन आया तेरे द्वार, गजानन आया तेरे द्वार।। रिद्धि सिद्धि के, तुम हो स्वामी, हे गणनायक अंतर्यामी, गौरी माँ के राज दुलारे, भक्तो को दो प्यार, गजानन आया तेरे द्वार, गजानन आया तेरे द्वार। हें जगवँदन गौरी नंदन, कर दो भव से पार, गजानन आया तेरे द्वार, गजानन आया तेरे द्वार।। बुद्धि विवेक के, तुम हो दाता, भक्तो के तुम भाग्यविधाता, भाव भजन से गाउँ तोहे, मेरा करो उद्धार, गजानन आया तेरे द्वार, गजानन आया तेरे द्वार। हें जगवँदन गौरी नंदन, कर दो भव से पार, गजानन आया तेरे द्वार, गजानन आया तेरे द्वार।।
6. दास तेरे है गजानन
दास तेरे है गजानन ध्यान धरते हैं तेरे चरणों में प्रभू प्रणाम करते हैं ।। टेर ।। चार तेरी है भुजायें रूप मतवाला शिवसु वन, गौरी के लाला, भक्त रखवाला तेरी शक्ती का तो शीव भी मान करते हैं... तेरे चरणों रिद्धि-सिद्धि लाभ और शुभ साथ में लाना दास का अनुरोध दाता भूल मत जाना तेरी महिमा का सभी गुणगान करते हैं.... तेरे चरणों मेरे अंगना में पधारो है अरज मेरी गौरी नन्दन जल्दी आओ ना करो देरी पुष्प चन्दन से प्रभु सन्मान करते हैं... तेरे चरण बुद्धि के दाता हमें भी ज्ञान दे जाओ; अपनी भक्ती का हमें वरदान दे जाओ नित्य तेरे नाम का रसपान करते हैं... तेरे चरणों श्यामसुन्दर; दास तेरा इसको अपनाना मुरारी मंडल बन गया है तेरा दीवाना पर दो बेड़ा पार क्यूं हैरान करते हैं... तेरे चरणों
7. गणपति कहा जाए
गणपति कहा जाए, गजानन कहा जाए बोल सिद्विविनायक, तुझे क्या कहा जाए ।। टेर ।। मैने मोर सवारी मंगवाई मेरे गजानन को पसंद नही आई, उसे चूहे की सवारी -२ पसंद आई गणपति कहा जाए ।।१।। मैने फूलों की माला मंगवाई मेरे गजानन को पसंद नही आई उसे दुर्वा वाली माला -२ पसंद आई गणपति कहा जाए ।।२।। मैने छप्पन भोग मंगवाए मेरे गजानन को पसंद नही आए. उन्हें लडडू और मोदक - २ पसंदआये गणपति कहा जाए ।।३।।
8. गजानंद चले आना
दुखहर्ता बनके, सुखकर्ता बनके चले आना गजानन चले आना - २ ।। टेर।। तुम विघ्न विनाशक आना - २ इच्छा पूरी करने, हाथ सर पे रखने चले आना गजानन चले आना ।।१।। तुम अष्टविनायक आना - २ मोदक हाथ लेकर, खुशियां साथ लेकर चले आनाग जानन चले आना ।।२।। तुम भाग्यविधाता आना – २ रिद्धि साथ लेके, सिद्धि साथ लेके चले आ गजानन चले आना ।।३।। तुम गौरी नंदन आना - २ वर्षा दया की करो, दुख सबके हरो, चले आनाग जानन चले आना ।।४।।9. गजानंद सरकार पधारो
गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है आवो आवो बेगा आवो, चाव दरश को भारी है गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है ।। टेर।। थे आवो जद काम बणेला था पर सारी बाजी है रणत भँवर गढ़ वाला सुणल्यो चिंता म्हाने लागी है देर करो ना अब तरशाओ चरणा म अर्ज हमारी है गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है ।।1।। रिद्धिसिद्धि ले आवो विनायक दयो दरशन थारा भक्ता न भोग लगावा धोक लगावा पुष्प चढ़ावा चरणा म गजानंद थारा हाथा म अब तो लाज हमारी है गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है।।2।। भगता की विनती सुन ली है शिव सूत प्यारो आयो हैं जय जयकार करो गणपति की आकर मन हर्षायो है बरसलो रस अब भजना में नंदू महिमा न्यारी है गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है ।।3।।
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