माता रानी के भजन - Mata Rani Ke Bhajan Lyrics
विषय सूची
- बाजी सांसों की शहनाई
- नाचे वीर हनुमान
- मुँह फेर जिधर देखु
- तुम हो कमल का फूल
- मैं तो लाई हूँ दाने अनार के
- सावन की बरसे बदरिया
- सिंह चढ़ के भवानी घर आई
बाजी सांसों की शहनाई
बाजी सांसों की शहनाई,
मैया आज मेरे घर आई,
मेरी अखियां ख़ुशी से आज रो पड़ी,
ओ कर दी, मैया ने पवित्र मेरी झोपड़ी,
ओ कर दी, मैया ने पवित्र मेरी झोपड़ी....
वो तो आई देखो मेवा मिश्री खाने,
भोग हलवा और छोले का लगाने
मेरे घर में आके वीरजी भोग लगावे राज़ी राज़ी
वो तो रूखी-सूखी खाएँ बिन चौपड़ी
ओ कर दी, मैया ने पवित्र मेरी झोपड़ी....
देखो सच हुआ सपना गरीब का,
पासा पलट गया मेरी नसीब का,
मेरी मैय्या शेरावाली मेरी मैय्या मेहरावाली,
वो तो शेर पे सवार होके आ खड़ी,
ओ कर दी, मैया ने, पवित्र मेरी झोपड़ी....
में तो जाने ना दूंगी किसी ओर के,
में तो बांध लूँगी भावना की डोर से,
मेरी मैय्या शेरावाली मेरी मैय्या मेहरावाली,
देखो ख़ुशियाँ बनाने आगे आ खड़ी,
कर दी मैय्या ने पवित्र मेरी झोपड़ी....
जैसे राम जी ने शबरी को तारा था,
जैसे श्याम ने विदुर को उभारा था,
वैसे तारने को आयी, सारे जग की महामायी,
वो तो ख़ुशियाँ फैलाने देखो आ गयी,
ओ कर दी, मैया ने पवित्र मेरी झोपड़ी...
नाचे वीर हनुमान
नाचे वीर हनुमान माँ के मंदिर में,
देवे आशीष भगवान् माँ के मंदिर में,
माता जानकी भी लेवे बालियां,
भक्त चढ़ावे देखो नारियल रुपैयाँ,
अंजनी देवे वरदान माँ के मंदिर में,
नाचे वीर हनुमान माँ के मंदिर में
लाल लंगोटा पहने लाल चुनरियाँ,
होके मगन देखो नाचे लांगुरियां,
देवता हॉवे मेहरबान,माँ के मंदिर में,
नाचे वीर हनुमान माँ के मंदिर में
रिद्धि सीढियाँ ढोलक भजावे,
ताली बजावे हनुमान को नचावे,
मस्त मस्लंग दरबार माँ के मंदिर में,
नाचे वीर हनुमान माँ के मंदिर में
माथे के ऊपर लागे तिलक सुहाना,
वैरागी प्यारी लागे वीर हनुमाना,
भक्तो का करे कल्याण माँ के मंदिर में,
नाचे वीर हनुमान माँ के मंदिर में
मुँह फेर जिधर देखु
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
गैरो ने ठुकराया अपने भी बदल गये है
हम साथ चले जिनके वो दूर निकल गये है
तेरे ही करम पर हूँ , तू बकश या ठुकराये
मुँह फेर जिधर......
माना के मैं पापी हूँ मुझे खबर गुनायो की
बस इतनी सजा देना मुझे मेरे गुनायो की
तेरे दर हो सर मेरा , और साँस में तू आये
मुँह फेर जिधर.....
हम ख़ाख़ नशीनो की क्या खूब तमना है
तेरे नाम पे जीना है तेरे नाम पे मरना है
मरना है तो तेरी , चोखट पे ही मर जाये
मुँह फेर जिधर...
तुम हो कमल का फूल
तुम हो कमल का फूल ओ
कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी
धन कमाया भरपूर ओ मैया मेरी
तुम हो कमल का फूल ओ...
बेटा बेटी दोनों ही पाले
प्यार दिया भरपूर ओ मैया मेरी
तुम हो कमल का फूल ओ...
सोचा था बेटी मेरी सेवा करेगी
ब्याह गयी है बड़ी दूर ओ मैया मेरी
तुम हो कमल का फूल ओ...
सोचा था बेटा मेरी मर्जी सुनेगा
हो गया मन से दूर ओ मैया मेरी
तुम हो कमल का फूल ओ...
तन की मेल धोयी हमने मल मल के
मन की न धोयी मैल ओ मैया मेरी
तुम हो कमल का फूल ओ...
सोचा था काया मेरे संग चलेगी
जल भुन हो गयी धूल ओ मैया मेरी
तुम हो कमल का फूल ओ...
मैं तो लाई हूँ दाने अनार के
मैं तो लाई हूँ दाने अनार के,
मेरी मैया के नौ दिन बहार के,
टैंट वाले तेरा क्या जाएगा,
मेरी मैया का पंडाल बन जाएगा,
मैं तो लाई हूँ....
हलवइया तेरा क्या जाएगा,
मेरी मैया का भोग बन जाएगा
मैं तो लाई हूँ....
कपड़े वाले तेरा क्या जाएगा,
मेरी मैया का चोला बन जाएगा,
मैं तो लाई हूँ....
सोने वाले तेरा क्या जाएगा,
मेरी मैया का हरवा बन जाएगा,
मैं तो लाई हूँ....
फूल वाले तेरा क्या जाएगा,
मेरी मैया का श्रन्गार बन जाएगा,
मैं तो लाई हूँ..
सावन की बरसे बदरिया
सावन की बरसे बदरिया, माँ की भीगी चुनरिया ll
भीगी चुनरिया माँ की, भीगी चुनरिया ll
सावन की बरसे बदरिया,,,,,,,,,,,,,,,
लाल चोला मईया का, चम चम चमके
माथे की बिंदिया भी, दम दम दमके ll
हाथों में झलके मुंदरिया, माँ की भीगी चुनरिया,
सावन की बरसे बदरिया,,,,,,,,,,,,,,,
छाई हरियाली झूमे, अम्बुआ की डाली
हो के मतवाली कुके, कोयलिया काली ll
बादल में कड़के बिजूरिया, माँ की भीगी चुनरिया,
सावन की बरसे बदरिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
उँचा भवन तेरा, उँचा है डेरा
कैसे चढ़ूँ पावों, फिसले है मेरा ll
टेढ़ी-मेढ़ी है डगरिया, माँ की भीगी चुनरिया,
सावन की बरसे बदरिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
काली घटा पानी, भर भर के लाई
झूला झूले, वैष्णो माई ll
चँचल पे माँ की नज़रिया, माँ की भीगी चुनरिया,
सावन की बरसे बदरिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सिंह चढ़ के भवानी घर आई
सिंह चढ़ के भवानी घर आई २
के आज मेरे दिन बदले शेरावालिए ।। टेर ।।
मैं तो घर-घर बांटू री बधाई
दीवाना मेरा दिल उछाले शेरावालिए ।।1।।
तेरा रूप बड़ा है निराला
ना मुख से नजर फिसले शेरावालिए ।।2।।
मेरे घर में हुआ मां उजाला
अंधेरे दिन दूर निकले शेरावालिए ।।3।।
तेरे हलवे का भोग लगाया
तू रोज-रोज आज चखले शेरावालिए ।।4।।
तेरे भक्त कहे ओं मैया
तू चरणों में आज रखले शेरावालिए ।।5।।
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