Hindi kahani एक छोटे से गाँव की बड़ी सीख
एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था जिसका नाम रोहन था। रोहन के पिता एक छोटे से किसान थे जो अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए कड़ी मेहनत करते थे। रोहन की माँ एक घरेलू महिला थीं जो अपने परिवार की देखभाल करने में व्यस्त रहती थीं।
रोहन एक होनहार लड़का था जो अपने स्कूल में अच्छे ग्रेड प्राप्त करता था। लेकिन रोहन को लगता था कि उसके गाँव में कुछ भी नहीं है और वह बड़ा होकर शहर में जाना चाहता था।
एक दिन, रोहन के पिता ने उसे एक छोटे से पौधे को लगाने के लिए कहा। रोहन ने पौधे को लगाया और उसकी देखभाल करने लगा। कुछ दिनों बाद, पौधा बड़ा हो गया और उसमें फल लगने लगे।
रोहन को यह देखकर बहुत खुशी हुई और उसने अपने पिता से पूछा कि यह पौधा इतनी जल्दी कैसे बड़ा हो गया। उसके पिता ने उसे बताया कि पौधे को बड़ा होने के लिए समय, धैर्य और देखभाल की जरूरत होती है।
रोहन को यह बात समझ में आई और उसने अपने जीवन में भी इसी सिद्धांत को अपनाने का फैसला किया। उसने अपने स्कूल में अच्छे ग्रेड प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी शुरू की और अपने गाँव में भी लोगों की मदद करने लगा।
कुछ समय बाद, रोहन को अपने गाँव में एक अच्छा नेता माना जाने लगा। लोग उसकी बुद्धिमत्ता और उसके काम की प्रशंसा करने लगे। रोहन को यह देखकर बहुत खुशी हुई और उसने अपने पिता को धन्यवाद दिया जिन्होंने उसे पौधे को लगाने के लिए प्रेरित किया था।
इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि समय, धैर्य और देखभाल के साथ हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। हमें अपने जीवन में भी पौधे की तरह बड़ा होने के लिए समय और धैर्य की जरूरत होती है
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