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हनुमान भजन आ लौट के आजा हनुमान





आ लौट के आजा हनुमान,
तुझे तेरे राम बुलाते हैं,
लक्ष्मण के बचा तू प्राण,
लक्ष्मण के बचा तू प्राण,
तुझे तेरे राम बुलाते हैं,
आ लौट के आजा हनुमान,
तुझे तेरे राम बुलाते है।। टेर ।।


गए पवनसुत लाने संजीवन,
अब तक क्यों नहीं आए,
सेनापति सुग्रीव पुकारे,
सेनापति सुग्रीव पुकारें,
नर बानर घबराए,
सब लोग भए सुनसान,
तुझे श्री राम बुलाते हैं।।१।।,

कभी तड़पते, कभी बिलखते,
जी भर के प्रभु रोते,
हाय लखन अपनी माता के,
हो इकलौते बेटे,
यूँ रुदन करत हैं राम,
तुझे श्री राम बुलाते हैं,
आ लौट के आजा हनुमान,
तुझे तेरे राम बुलाते है।।२।।

बीत गयी सब रैन घड़ी,
अब भोर रही है बाकी,
बीत गयी सब रैन घड़ी,
अब भोर रही है बाकी,
देख देख के राह तुम्हारी
बैरण अंखिया थाकि,
कही उदय ना हो जाये भान,
तुझे श्री राम बुलाते हैं।।३।।

प्रातः समय हनुमान संजीवन,
ले सेना में आए,
झूम लाल बजरंगी,
लक्ष्मण प्राण बचाएं,
तब जाग उठे बलवान,
तुझे श्री राम बुलाते हैं,
आ लौट के आजा हनुमान,
तुझे तेरे राम बुलाते है।।४।।

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