धर्म पुजा पाठ

हर प्रकार की पूजा, हवन, मंत्र , मुहूर्त, दुर्गा स्थापना मुहूर्त, दीपावली मुहूर्त, गणपति स्थापना मुहूर्त, जाप, पाठ, ज्योतिष, राशिफल, राशि भविष्य, भगवान के 108 नाम, मंत्र, भगवान श्री गणेश, महादेव, विष्णु, लक्ष्मी, हनुमान के मंत्र, पूजा की लिस्ट आदि इस ब्लॉग पर आपको मिलेंगे ।

कुंडली मिलान में गुण और दोष

गुण मिलान सारणी में दिए गए गुण और दोष वर और वधू के नक्षत्र के अनुसार बताया गया है जिसमें प्राप्त गुण न्यूनतम 18 होने चाहिए ।

 वधु के नक्षत्र के अनुसार वर के नक्षत्र को पहले ढूंढ ले उसके उपरांत नक्षत्र के नीचे अक्षर, प्राप्त गुण तथा उसके नीचे दोष यदि हो तो बताए गए हैं ।

बनने वाले दोष को 0 1 2 3 4 5 6  -+ के द्वारा दर्शाया गया है जिनका अर्थ इस प्रकार हैं~~~~~

नुदूर दोष के लिए 0 (वर्ग के नक्षत्र से पहले वधू का नक्षत्र)

गुण दोष के लिए 1

वैर योनि के लिए 2 

नाड़ी दोष के लिए 3

द्वी द्वादश  के लिए 4

नव पंचम के लिए 5 

भूकुट दोष षडाष्टक योग के लिए 6

यदि कोई दोष नहीं है तो जगह खाली है

शास्त्र के अनुसार किसी भी दोष का समाधान बनने पर

+- दर्शाया गया है ।

राशि स्वामी की मित्रताके आधार पर भूकुट आदि दोष का समाधान माना गया है ।


 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

हम से जुड़े रहने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद