गुण मिलान सारणी में दिए गए गुण और दोष वर और वधू के नक्षत्र के अनुसार बताया गया है जिसमें प्राप्त गुण न्यूनतम 18 होने चाहिए ।
वधु के नक्षत्र के अनुसार वर के नक्षत्र को पहले ढूंढ ले उसके उपरांत नक्षत्र के नीचे अक्षर, प्राप्त गुण तथा उसके नीचे दोष यदि हो तो बताए गए हैं ।
बनने वाले दोष को 0 1 2 3 4 5 6 -+ के द्वारा दर्शाया गया है जिनका अर्थ इस प्रकार हैं~~~~~
नुदूर दोष के लिए 0 (वर्ग के नक्षत्र से पहले वधू का नक्षत्र)
गुण दोष के लिए 1
वैर योनि के लिए 2
नाड़ी दोष के लिए 3
द्वी द्वादश के लिए 4
नव पंचम के लिए 5
भूकुट दोष षडाष्टक योग के लिए 6
यदि कोई दोष नहीं है तो जगह खाली है
शास्त्र के अनुसार किसी भी दोष का समाधान बनने पर
+- दर्शाया गया है ।
राशि स्वामी की मित्रताके आधार पर भूकुट आदि दोष का समाधान माना गया है ।
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