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भजन, श्याम मेरे अवगुण चित ना धरो,bhajan

                      भजन

                   श्याम मेरे अवगुण चित ना धरो 

भजन, bhajan,




श्याम मेरे अवगुण चित ना धरो

समदर्शी है नाम तिहारो चाहो तो पार करो ।।टेर।।


एक नदियां एक नाल बहत है, मेलो ही नीर भरयो- 2

जब दोनों मिल एक वर्ण भए सूरसरी नाम परयो ।।1।।



एक करत गईया की पूजा, एक काटत है गरो -2

गैया गुण अवगुण नहीं जाने, दूध देत खरो ।।2।।


एक लोहा पूजा मे राखत, एक घर बधिक परयो-2

पारस गुण अवगुण नहीं चितवे, कंचन करत खरो ।।3।।



एक माया एक ब्रह्म कहावत, सूर श्याम झगरो-2

अबकी बैर मोहे पार उतारो, नहीं प्रण जात टरो ।।4।।


प्रभु जी मोरे अवगुण चित ना धरो...................




जय जय श्री कृष्णा जय जय श्री राधे

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