ॐ जय जानकी नाथा, हो प्रभु जय जानकी नाथा ।
दोउ कर जोरे विनवउ, प्रभु मेरी सुनो बाता ।।टेर।।
तुम रघुनाथ हमारे, प्राण पिता माता,
तुम हो सजन संगाती, भक्ति मुक्ति दाता ।।1।।
चौरासी प्रभु फंद छुड़ाओ,मेटो यम त्रासा,
निश दिन प्रभु मोहि राखो, अपने संग साथा ।।2।।
सीताराम लक्ष्मण भरत शत्रुहन, संग चारों भैया,
जगमग ज्योति बिराजत, शोभा अति लहिया ।।3।।
हनुमत नाद बजावत, नेवर ठुमकाता,
कंचन थाल आरती, करत कौशल्या माता ।।4।।
किरीट मुकुट कर धनुष विराजत,शोभा अति भारी,
मनीराम दरशन कर,
तुलसीदास दर्शन कर,पल पल बलिहारी ।।5।।
जय जानकी नाथा, हो प्रभु जय जानकी नाथा ।
हो प्रभु जय सीता माता, हो प्रभु जय लक्ष्मण भ्राता ।
हो प्रभु जय चारों भ्राता, हो प्रभु जय हनुमत दासा ।
दोउ कर जोरे विनवउ, प्रभु मेरी सुनो बाता ।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
हम से जुड़े रहने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद