शनिवार, 20 मार्च 2021

हनुमान जी और व्यापार || hanuman ji aur vyapar

                हनुमान जी और व्यापार






नमस्कार मित्रों धर्म पूजा-पाठ पर आपका स्वागत है आप सभी को जय श्री कृष्णा आइए आज जानते हैं हनुमानजी और व्यापार में ज्योतिषिय संबंध क्या है और किस प्रकार से हनुमान जी  व्यापार को आगे बढ़ाते हैं मित्रों आपने देखा होगा कि कई व्यापारी लोग अपनी दुकान में, अपने मकान में या व्यापार स्थल पर , ऑफिस में सुंदरकांड, हनुमान चालीसा खुद करते हैं या किसी पंडित जी को नियुक्त करते हैं ताकि व्यापार में उन्नति हो ।

सभी लोगों के मन में शंका आती है कि व्यापार मैं लक्ष्मी की ज्यादा जरूरत होती है तो लोग हनुमान जी की पूजा क्यों करते हैं ऐसा कौन सा कारण है हनुमान जी की पूजा करने से व्यापार में उन्नति होती है? यूं तो सभी जानते हैं माता जानकी अर्थात सीता माता ने हनुमान जी को वरदान दिया था अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता बन जाओ अर्थात हनुमान जी अष्ट सिद्धि नव निधि देने में समर्थ हैं परंतु आज हम यही कारण ज्योतिष से जोड़ कर देखेंगे और आपको बताएंगे की व्यापार के लिए हनुमान जी की कृपा किस प्रकार से बहुत ही लाभदायक है



 शनी  : मित्रों आप सभी जानते होंगे की व्यापार के लिए नौकर और किसी फैक्ट्री के लिए मजदूर की भूमिका बहुत ही जरूरी है जिसके कारक शनि देव है और शनि और हनुमान जी की कथा आपने भली-भांति सुन रखी हैं शनि और हनुमान जी का समझौता हुआ है यदि व्यापार में शनि के कारण मजदूरों की या नौकरों की समस्या होती है हनुमानजी की उपासना बहुत ही लाभदायक रहती है

सूर्य  : सूर्य राजा का कारक है नेतृत्व की शक्ति को दर्शाता है और  सरकारी कामकाज में बहुत ही अहम भूमिका निभाता है यदि सरकारी काम काजो में दिक्कत आती है आप के टेंडर पास नहीं हो रहे हैं और व्यापार में आप अपने ग्राहकों को संतुष्ट करने में समर्थन नहीं हो रहे हैं इसका कारण सूर्य हो सकते हैं इसलिए मित्रों हनुमान जी की उपासना करने से सूर्य जैसा बल मिलता है क्योंकि हनुमान जी सूर्य के शिष्य हैं अर्थात गुरु के गुण आते हैं और सूर्य जैसा हनुमान जी में तेज हैं जो आपके नेतृत्व को बहुत ही आगे बढ़ाएंगे और सूर्य जीन चीजों का कारक है उन सभी चीजों को हनुमान जी आपको प्रदान कर सकते हैं जैसे कीर्ति , यश और नाम (यदि आपके प्रोडक्ट का नाम फैलता नहीं है तो आपका व्यापार कैसे बढ़ेगा)

मंगल   मित्रों आप सभी जानते हैं मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा बहुत की जाती है इसका मुख्य कारण यही है कि हनुमानजी पराक्रम को प्रदान करने वाले यदि आपके व्यापार में आपके पास साहस नहीं है किसी से बात करने में आप झिझकते हैं किसी भी बड़े काम को करने में आप संकोच करते हैं आपको करने से पहले डर लग रहा है तो आपका मंगल बहुत ही कमजोर है इसलिए आपके लिए हनुमान जी की उपासना, पूजा बहुत ही लाभदायक है

बुध   : मित्रों बुध  वाकपटुता का कारक है आप अच्छी-अच्छी बातें करना नहीं जानते लोगों को लुभाने में आपकी निपुणता नहीं है तो आपका बुध कमजोर हो सकता है आपकी वाणी में मधुरता नहीं है इसका मतलब बुध आपका कमजोर है जो कि व्यापार के लिए बहुत ही जरूरी है मित्रों हनुमान जी बड़े ही चतुर और गायन विद्या के साथ-साथ सेवा भाव वाले हैं और अपने भक्तों को भी इसी प्रकार का आशीर्वाद प्रदान करते हैं इसलिए व्यापार में बुध से बुद्धि प्राप्ति होती है जो कि हनुमान जी आपको प्रदान कर सकते हैं

गुरु : मित्रों ज्योतिष के अनुसार वृहस्पति ज्ञान के कारक हैं और विभिन्न प्रकार की जानकारियां जो आप अपने व्यापार के लिए उपयोग में ला सकते हैं और सभी प्रकार की जानकारियां और ज्ञान आपको हनुमानजी प्रदान कर सकते हैं

शुक्र : ज्योतिष के अनुसार शुक्र लक्ष्मी का कारक है और धन का कारक है मित्रों आप सभी जानते हैं शुक्र ग्रह भगवान शंकर का बहुत ही बड़ा भक्त है और हनुमान जी स्वयं शंकर के अवतार हैं इसलिए जो हनुमान जी की उपासना करते हैं उन पर शुक्र देव हमेशा प्रसन्न रहते हैं

चंद्र  :  ज्योतिष के अनुसार चंद्र चंचलता का कारण है और स्त्रियों का कारक है यदि आपके व्यापार में चंचलता नहीं है आप एक ही जगह ठहरे हुए हैं तो आप कमजोर चंद्र के शिकार हैं चंद्रमा मन का कारक है और मन आपका कुंठित है आप निर्णय लेने में असमर्थ हो सकते हैं मित्रों भगवान शंकर के शीश पर चंद्रमा विराजमान है और शंकर के अवतार हनुमान जी इसी कारण चंद्रमा भी हनुमान जी की उपासना करने से आपको शुभ फल देने लगता है


राहु और केतु जैसे पापी ग्रह हनुमान जी की उपासना करने वाले के सामने टिक नहीं पाते इसलिए अपने व्यापार में हमेशा ही हनुमानजी की उपासना करनी चाहिए  सही बातें अपने परिवार और अपने व्यापारी भाइयों को समझाते रहिए



इस प्रकार नव ग्रह हनुमान जी के आधीन है और हनुमान जी का पाठ सुंदरकांड या हनुमान चालीसा या बजरंग बाण या हनुमान जी के मंत्र जप हमेशा ही करते रहना चाहिए


मित्रों यदि आप किसी भी प्रकार से अपने व्यापार में संघर्ष कर रहे हैं और किसी भी ग्रह की दशा महादशा या साढ़ेसाती से ढूंढ रहे हैं तो आपके नाम और गोत्र के द्वारा हमारे शिव मंदिर में आपके लिए सुंदरकांड पाठ हनुमान चालीसा या आपके इष्ट देवता के अनुसार ऑनलाइन आप करा सकते हैं  जिसमे आपको यूट्यूब लिंक या फेसबुक पेज लिंक भेजी जाएगी जब तक आपका पाठ चालू रहेगा

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 आप सभी को जय श्री कृष्णा
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

शुक्रवार, 19 मार्च 2021

गणेश अष्टक ।। Ganesh Ashtakam

गणेश अष्टक

 सर्वे ऊचुः

यतोऽनन्तशक्तैरनन्ताश्च जीवा

यतो निर्गुणादप्रमे या गुणास्ते ।

यतो भाति संर्व त्रिधा भेदभिन्न

सदा तं गणेशं नमामो भजामः।।१।।

सब भक्तों ने कहा

जिस अनन्त शक्तिवाले परमेश्वर से अनन्त

जीव प्रकट हुए हैं, जिन निर्गुण परमात्मा से

अप्रमेय (असंख्य) गुणों की उत्पत्ति हुई हैं,

सात्विक, राजस और तामस- इन तीन

| भेदोंवाला यह सम्पूर्ण जगत् जिससे प्रकट

एवं भासित हो रहा है, उन गणेश का हम |

नमन एवं भजन करते हैं।


यतश्चाविरासीज्जगत्सर्वमेतत्त

थाब्जासनो विश्वगो विश्वगोप्ता।

तथेन्द्रादयो देव सङ्घा मनुष्याः सदा

तं गणेशं नमामो भजामः ।।२।।

जिनसे इस समस्त जगत् का प्रादुर्भाव हुआ

है, जिनसे कमलासन ब्रह्मा, विश्वव्यापी

विश्वरक्षक विष्णु, इन्द्र आदि देव-समुदाय

और मनुष्य प्रकट हुए है, उन गणेश का हम

सदा ही नमन एवं भजन करते हैं।



यतो वाह्निभानूद्भवो भूर्जलं च यतः

सागराश्चन्द्रमा व्यो म वायुः ।

यतः स्थावरा जङ्गमा वृक्षसङ्घा:

सदा तं गणेशं नमामो भजामः ।।३।।

जिनसे अग्नि और सूर्य का प्राकट्य हुआ,

पृथ्वी, जल, समुद्र, चन्द्रमा, आकाश और

वायु का प्रादुर्भाव हुआ तथा जिससे स्थावर

जङगम और वृक्षसमूह उत्पन्न हुए हैं, उन

गणेश का हम नमन एवं भजन करते हैं।



यतो दानवाः किंनरा यक्षसङघा

यतश्चारणा वारणा: श्वापदाश्च ।

यतः पक्षिकीटा यतो वीरूधश्च

सदा तं गणेशं नमामो भजामः ।।४।।

जिनसे दानव, किंनर और यक्ष समूह प्रकट

हुए, जिनसे हाथी और हिंसक जीव उत्पन्न

हुए तथा जिनसे पक्षियों, कीटों और लताबेलों

का प्रादुर्भाव हुआ, उन गणेश का हम सदा

ही नमन और भजन करते हैं।



यतो बुद्धिरज्ञाननाशो मुमुक्षोर्यतः

सम्पदो भक्त संतोषिका: स्युः ।

यतो विघ्ननाशो यतः कार्यसिद्धिः

सदा तं गणेशं नमामो भजामः ।।५।।

जिनसे मुमुक्षुको बुद्धि प्राप्त होती है और

अज्ञान का नाश होता है, जिनसे भक्तों कों

संतोष देने वाली सम्पदाएँ प्राप्त होती हैं,

तथा जिनसे विघ्नों का नाश और समस्त

कार्यों की सिद्धि होती है, उन गणेश का

हम सदा नमन एवं भजन करते हैं।


यतः पुत्रसम्पद् यतो वाञ्छितार्थो

यतोऽभक्तविघ्नास्तथानेकरूपाः ।

यतः शोकमोहौ यतः काम एव सदा

तं गणेशं नमामो भजामः ।।६।।

जिनसे पुत्र सम्पत्ति सुलभ होती है, जिनसे

मनोवाञ्छित अर्थ सिद्ध होता है, जिनसे

अभक्तों को अनेक प्रकार के विघ्न प्राप्त

होते हैं तथा जिनसे शोक, मोह और काम

प्राप्त होते हैं, उन गणेश का हम सदा नमन

एवं भजन करते हैं।


यतोऽनन्तशक्तिः स शेषो बभूव

धराधारणेऽनेकरूपे च शक्तः ।

यतोऽनेकधा स्वर्गलोका हि नाना

सदा तं गणेशं नमामो भजामः।७।।

जिनसे अनन्त शक्तिसम्पन्न सुप्रसिद्ध शेषनाग

प्रकट हुए, जो इस पृथ्वी को धारण करने

एवं अनेक रूप ग्रहण करने में समर्थ हैं,

जिनसे अनेक प्रकार के अनेक स्वर्गलोक

प्रकट हुए हैं, उन गणेश का हम सदा ही

नमन एवं भजन करते हैं।


यतो वेदवाचो विकुण्ठा मनोभिः

सदा नेति नेतीति यत्ता गृणन्ति ।

चिदानन्दभूतं परब्रह्मरूपं

सदा तं गणेशं नमामो भजामः ।।८।।


जिनके विषय में वेदवाणी कुण्ठित हैं,

जहाँ मन की भी पहुँच नहीं है तथा श्रुति

सदा सावधान रहकर 'नेति-नेति'

इन

शब्दों द्वारा जिनका वर्णन करती है, जो

सच्चिदानन्द स्वरूप परब्रह्म हैं उन गणेश

का हम सदा ही नमन एवं भजन करते


श्री गणेश उवाच्य

पुनरू चे गणाधीशः स्तोत्रमेतत्पठेन्नरः।

त्रिसंध्यं त्रिदिनं तस्य सर्वं कार्यं भविष्यति।।

यो जपेदष्टदिवसं श्लोकाष्टकमिदं शुभम् ।

अष्टवारं चतुर्थ्यां तु सोऽष्टसिद्धीरवाप्नुयात्।।

यः पठेन्मासमात्रं तु दशवारं दिने दिने।

स मोचयेद्धन्धगतं राजवध्यं न संशयः।।

विद्याकामो लभे द्विद्यां पुत्रार्थी पुत्रमाप्नुयात्।

वाञ्छिताँल्लभते सर्वानेकविंशतिवारतः।।

यो जपेत् परया भक्त्या गजाननपरो नरः।

एवमुक्त्वा ततो देवश्चान्तर्धानं गतः प्रभुः ।।



 श्री गणेश जी फिर बोले

जो मनुष्य तीन दिनों तक तीनों संध्याओं

के समय इस स्तोत्र का पाठ करेगा, उसके

सारे कार्य सिद्ध हो जायेंगे। जो आठ दिनों

तक इन आठ श्लोकों का एक बार पाठ

करेगा और चतुर्थी तिथि को आठ बार इस

स्तोत्र को पढ़ेगा, वह आठों सिद्धियों को

प्राप्त कर लेगा । जो एक मास तक प्रतिदिन

दस-दस बार इस स्तोत्र का पाठ करेगा,

वह कारागार में बँधे हुए तथा राजा के द्वारा

वध-दण्ड पाने वाले कैदी को भी छुड़ा

लेगा, इसमें संशय नहीं हैं। इस स्तोत्र का

इक्कीस बार पाठ करने से विद्यार्थी विद्याको, पुत्रार्थी पुत्र को तथा कामार्थी समस्त मनोवांच्छित कामनाओं को प्राप्त कर लेता है। जो मनुष्य परम भक्ति से इस स्तोत्र का जप करता है, वह गजानन का परम भक्त हो जाता है, ऐसा कहकर भगवान गणेश वहीं अन्तर्धान हो गये


।।इति श्रीगणेशपुराणे श्रीगणेशाष्टकं सम्पूर्णम्।।










मंगलवार, 2 मार्च 2021

राशिफल मार्च 2021








मेष राशि वाले जातकों के लिए खर्च अधिक होगा शारीरिक रोग और आंखों को कष्ट तथा मानहानि क्या भाई बना रह सकता है

वृषभ राशि वालों को आय में वृद्धि और व्यापार में लाभ मित्रों से खुशी स्त्री पक्ष से सुख और महत्वाकांक्षा की पूर्ति की ओर बढ़ेंगे

मिथुन राशि वाले धन मित्र आदि का सुख प्राप्त करेंगे राज्य के अधिकारियों से मित्रता बढ़ेगी बड़े लोगों से लाभ होगा सभी कार्यों में सफलता मिलेगी मान सम्मान बढ़ेगा

कर्क राशि वाले बच कर रहे हैं क्योंकि बिना कारण आरोप लग सकता है मानहानि का डर बना रहेगा आय और धन में कमी हो सकती है अपने बड़ों से विरोध हो सकता है जरा बच कर रहे हैं

सिंह राशि वाले जातक गाड़ी संभलकर चलाएं आपका बार-बार चालान कट सकता है राज्य अधिकारियों से आप को दंड मिल सकता है शत्रु आपको परेशान कर सकते हैं खर्च बढ़ेगा आपका यह महीना जोखिम भरा है इसलिए अपने कुल देवता की पूजा करते रहे

कन्या राशि वाले जातक पत्नी के स्वास्थ्य से चिंतित रहेंगे और व्यापार में बाधाओं का सामना करेंगे परंतु सफल रहेंगे मानसिक स्थिति को सही रख कर कार्य करने का समय है

तुला राशि वाले जातक चली आ रही बीमारी से छुटकारा पाने का समय आ गया है और अन् वस्त्र आदि का लाभ होगा शत्रुओं को पराजित कर आप अपने सभी कार्य सफल कर लेंगे

वृश्चिक राशि वाले जातको को राजकीय कारणों से परेशानी हो सकती है घरेलू झगड़ों के कारण सुख में कमी आ सकती है तो व्यवहार अपना अच्छा रखें

धनु राशि वाले जातक अपने माता के स्वास्थ्य से परेशान रहेंगे और यात्राएं हानिकारक होंगी इनको थोड़ा संभल कर चलने की जरूरत है

मकर राशि वाले जातक इस महीने खुशमिजाज बने रहेंगे पुत्रों से लाभ मिलेगा मान सम्मान की कोई कमी नहीं रहेगी और भाइयों से सहयोग मिलेगा
कुम्भ राशि वाले जातक धूर्त लोगों से बचें और जालसाजी ना करें और किसी जालसाज के चक्कर में ना पड़े जिससे धन की हानि हो सकती है
वाद विवाद भी बढ़ सकता है

मीन राशि वाले जातक इस महीने खूब मेहनत करेंगे जिसका रिजल्ट बहुत देर से आएगा परंतु आपको नई नई जिम्मेदारियां प्राप्त होगी और बहुत सारे कार्य आपको प्राप्त होंगे

बताया गया सारा राशिफल सूर्य के गोचर के अनुसार हैं जिन लोगों का राशिफल खराब बताया जा रहा है उन लोगों को सूर्य की उपासना करनी चाहिए अपने पिता जी की सेवा और सांड को गुड़ खिलाना चाहिए ताकि आपका खराब समय भी अच्छा बन जाए 

मित्रो
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