भर दे रे श्याम झोली भर दे
भर दे रे श्याम झोली भर दे भर दे,
ना बहलाओ बातों में
दिन बीते, बीती रातें अपनी कितनी हुई रे मुलाकाते,
तुझे जाना पहचाना तेरे झुठे हुए रे सारे वादे,
भूले रे श्याम तुम तो भूले, भूले,
क्या रखा हैं वादों में, भर दे रे
नादान हैं अंजान हैं गुरु तू ही तो मेरा भगवान हैं,
तुझे चाहु तुझे पाऊ मेरे दिल का यही तो अरमान हैं,
पढ़ ले रे श्याम दिल की पढ़ ले,
सब लिख है आँखों में, भर दे रे
मेरी नैया ओ कन्हियाँ पार कर दे तू बनके खिवैया,
मैं तो हारा गम के मारा आजा आजा ओ बंसी बजाइयाँ,
लेले रे श्याम अब तो लेले,
मेरे हाथ हाथो में, भर दे रे
तू है मेरा मैं हु तेरा मैंने डाला तेरे दर पे डेरा,
मुझे आस है विश्वाश है श्याम भर देगा दामन तू मेरा,
झूमे रे श्याम नंदू झूमे,
झूमे तेरी ही बाहो में, भर दे रे,
लगन तुमसे लगा बैठे
लगन तुमसे लगा बैठे,
जो होगा देखा जाएगा,
तुम्हे अपने बना बैठे,
जो होगा देखा जाएगा।।
कभी दुनिया से डरते थे,
छुप छुप याद करते थे,
लो अब परदा उठा बैठे,
जो होगा देखा जाएगा।
लगन तुमसे लगा बैठें,
जो होगा देखा जाएगा,
तुम्हे अपने बना बैठे,
जो होगा देखा जाएगा।।
कभी यह ख्याल था दुनिया,
हमें बदनाम कर देगी,
शर्म अब बेच खा बैठे,
जो होगा देखा जाएगा।
लगन तुमसे लगा बैठें,
जो होगा देखा जाएगा,
तुम्हे अपने बना बैठे,
जो होगा देखा जाएगा।।
आ गया मैं दुनियांदारी
आ गया मैं दुनियांदारी,
सारी बाबा छोड़ के,
लेने आजा खाटू वाले,
रींगस के उस मोड़ पै,
लेने आजा खाटू वाले,
रींगस के उस मोड़ पै।
हार गया मैं इस दुनियां से,
अब तो मुझको थाम ले,
कहा मुझे किसी श्याम भगत ने,
बाबा का तू नाम ले,
अपने पराए छोड़ गए सब,
दिल मेरा ये तोड़ के,
लेने आजा खाटू वाले,
रींगस के उस मोड़ पै।
तीन बाण के कलाधारी,
कला मुझे भी दिखा दे तू,
जैसे दर्शन सबको देता,
वैसे मुझे करा दे तू,
अब मैं खड़ा हूँ द्वार तुम्हारे,
दोनों हाथ जोड़ के,
लेने आजा खाटू वाले,
रींगस के उस मोड़ पै।
मैं ना जानूँ पूजा अर्चन,
तुझको अपना मान लिया,
तू ही दौलत तू ही शौहरत,
इतना बाबा जान लिया,
अपना बना ले इस मित्तल को,
दिल को दिल से जोड़ के,
लेने आजा खाटू वाले,
रींगस के उस मोड़ पै।
मुझको है विश्वास मुझे तू,
इक दिन बाबा तारेगा,
तुझ पे भरोसा करने वाला,
जग में कभी ना हारेगा,
जिनपे किया भरोसा मैंने,
छोड़ गए वो रोड़ पे,
लेने आजा खाटू वाले,
रींगस के उस मोड़ पै।
आ गया मैं दुनियादारी,
सारी बाबा छोड़ के,
लेके आजा खाटू वाले,
रींगस के उस मोड़ पे,
लेने आजा खाटू वाले,
रींगस के उस मोड़
डाकिया जा रे
डाकिया जा रे,
श्याम ने संदेशो दीजे,
श्याम ने जायत कह दीजे,
भगत थारे दर्शन ने तरसे,
डाकिया जा रे।।
तर्ज – ओ बाबुल प्यारे।
( डाकिया सेठ से )
कुण से गाँव थारो श्याम बस्यो है,
इतनो म्हाने बता दे, सेवक रे,,,,
गर तेरे पास है कोई निशानी,
म्हाने तू दिखला दे,
कईया जानूंगा पिचान,
मैं हूँ छोरो अनजान,
कईया श्याम स्यु होसी मिलन,
डाकिया जा रे।।
( सेठ डाकिया से )
खाटू में है श्याम जी को मंदिर,
शिखर ध्वजा लहरावे, डाकिया ओ,,
ड्योढ़ी पर हनुमान बिराजे,
सेवक चंवर ढुलावे,
वांके नौबत बाजे द्वार,
गूंजे हरदम जय जयकार,
सजधज बैठ्यो है श्याम सजन,
डाकिया जा रे।।
पहुंच गयो दरबार श्याम के,
बोलण लागो संदेसो, बाबा ओ,,
बण बैठ्यो कद श्याम दीवानो,
कुछ ना रह्यो अंदेशो,
आंखड़ल्या सु बरसी धार,
जईया सावण की फुहार,
देख सांवरिया बोल्यो यो वचन,
डाकिया जा रे।।
( बाबा डाकिया से )
कह दीजे तू जाए सेवक ने,
तेरो बुलावो आसी, सेवक रे,,
सबकी आस पुराऊँ हूँ तो,
तू कईया रह पासी,
तेरी सारी जाणु बात,
पूरी करस्यूँ मन की आस,
पर बढ़ा मेरे कानि कदम,
डाकिया जा रे।।
चिठ्ठी आई है आई है,
चिठ्ठी आई है,
चिठ्ठी आई है खाटू से,
चिठ्ठी आई है,
बड़े दिनों के बाद,
मेरे श्याम धणी को आज,
भगत की याद सताई है,
चिठ्ठी आई है आई है,
चिठ्ठी आई है।।
( डाकिया सेठ से )
सुण संदेसो सांवरिये को,
मनड़ो घणो हर्षायो, बाबा ओ,,
बंध गया पाँव में घुंघरिया सा,
मन को मोरियो गायो,
म्हारो श्याम बड़ो दिलदार,
हो जाओ लेवण ने तैयार,
महिमा गावे है ‘कमल-किशन’,
डाकिया जा रे।।
ग्यारस चांदण की आई
ग्यारस चांदण की आई,
भगता मिल ज्योत जगाई,
झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,
ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,
मन में हरियाली छाई,
भगता मिल ज्योत जगाई,
झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,
ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे।।
चम चम चमकातो मुखडो,
काना में कुंडल हो,
काना में कुंडल हो,
हिवड़ो हुलसायो म्हारो,
भला पधारया हो,
भला पधारया,
हीरो भलके माथे में,
अंतर जमके बागे में,
फुल्डा बरसे छे म्हारे आंगणे,
ओ बाबा फुल्डा बरसे छे म्हारे आंगणे,
ग्यारस चांदण की आईं,
भगता मिल ज्योत जगाई,
झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,
ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे।।
गंगाजल झारी थारा,
चरण पखारा हो,
चरण पखारा,
उँचे सिंहासन बैठो,
आरती उतारा हो,
आरती उतारा,
भजन सुनावा थाने,
गाकर रिझावा थाने,
अमृत बरसे छे म्हारे आंगणे,
ओ बाबा अमृत बरसे छे म्हारे आंगणे,
ग्यारस चांदण की आईं,
भगता मिल ज्योत जगाई,
झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,
ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे।।
जो थाने भावे बाबा,
भोग लगावा हो,
भोग लगावा,
रूच रूच जिमो प्रभु जी,
परदो लगावा हो,
परदो लगावा,
तारो मुलक़ातो मुखड़ो,
चंदा सू लागे उजलो,
कीर्तन में देखयो थाने आंगणे,
ओ बाबा कीर्तन में देखयो थाने आंगणे,
ग्यारस चांदण की आईं,
भगता मिल ज्योत जगाई,
झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,
ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे।।
बिडलो दबावों मुख में,
अंतर काना में हो,
अंतर काना में,
थारे लीले के पांवा,
बिछिया बाजनीया हो,
बिछिया बाजनीया,
करस्यां पहरावणी थारी,
आशा पूरण म्हारी,
चरण दबास्या म्हारे आंगणे,
ओ बाबा चरण दबास्या म्हारे आंगणे,
ग्यारस चांदण की आईं,
भगता मिल ज्योत जगाई,
झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,
ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे।।
लगन निभाजो प्रभु जी,
प्रेम बढाजो हो,
प्रेम बढाजो,
या म्हारी मिनखा जूणी,
सफल बनाजो हो,
सफल बनाजो,
मोती चरणा को चाकर,
‘नंदू’ रिझावे गाकर,
भल भल पधारया म्हारे आंगणे,
ओ बाबा भल भल पधारया म्हारे आंगणे,
ग्यारस चांदण की आईं,
भगता मिल ज्योत जगाई,
झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,
ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे।।
ग्यारस चांदण की आई,
भगता मिल ज्योत जगाई,
झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,
ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,
मन में हरियाली छाई,
भगता मिल ज्योत जगाई,
झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे,
ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे।।
माया तो थारी थे ही जाणो
तर्ज – संतो सुरगा सु आयो सन्देश /
सारी दुनिया मं गूँजे थारो नाम,
खाटू का बाबा श्याम,
माया तो थारी थे ही जाणो ।।
निरबल का बल निरधन का धन,
थारो रुतबो न्यारो।
हारयोड़ा की जीत करावै,
बाबा श्याम हमारो।
बाबा दरदी नै देओ थे आराम,
खाटू का बाबा श्याम,
माया तो थारी थे ही जाणो ।।
जो कोई लेवै थारो आसरो,
बैठ्यो मौज उड़ावै।
खूँटी ताण कै सोवै बैनै
चिंता नहीं सतावै।
बैंका थे ही बणाओ सारा काम,
खाटू का बाबा श्याम,
माया तो थारी थे ही जाणो ।।
बिन पाणी कै नाव चलाओ,
ऐसी है सकळाई।
आँख्यां पढकै ‘हर्ष’ भगत की,
थे ही करो सुणाई।
थारै देरी को कोनी कोई काम,
खाटू का बाबा श्याम,
माया तो थारी थे ही जाणो ।।
जहाँ बिराजे शीश के दानी
जहाँ बिराजे शीश के दानी,
मेरे बाबा श्याम,
दीवाने मुझे ले चल खाटु धाम,
दीवाने मुझे ले चल खाटु धाम ||
तन मन धन सब इनके अर्पण,
जीवन भी है इनको समर्पण,
मन मंदिर में छवि निरखु मैं,
मन मंदिर में छवि निरखु मैं,
इनकी आठों याम,
दीवाने मुझे ले चल खाटु धाम,
दीवाने मुझे ले चल खाटु धाम ||
श्याम हमारे भोले भाले,
अपने भक्तो के रखवाले,
ऐसे देव दयालु के मेरे,
ऐसे देव दयालु के मेरे,
चरणों में परणाम,
दीवाने मुझे ले चल खाटु धाम,
दीवाने मुझे ले चल खाटु धाम ||
श्याम भरोसा श्याम सहारा,
जीवन नाव का खेवनहारा,
चौखट पर बस टेक लो माथा,
चौखट पर बस टेक लो माथा,
बनेंगे बिगड़े काम,
दीवाने मुझे ले चल खाटु धाम,
दीवाने मुझे ले चल खाटु धाम ||
श्याम वरण पर घोरे मनके,
दानी है महाभारत रण के,
श्याम प्रभु जीवन धन मेरे,
श्याम प्रभु जीवन धन मेरे,
आन बान और शान,
दीवाने मुझे ले चल खाटु धाम,
दीवाने मुझे ले चल खाटु धाम ||
जहाँ बिराजे शीश के दानी,
मेरे बाबा श्याम,
दीवाने मुझे ले चल खाटु धाम,
दीवाने मुझे ले चल खाटु धाम ||
हारे के सहारे आजा
हारे के सहारे आजा,
तेरा दास पुकारे आजा,
हम तो खड़े तेरे द्वार,
सुनले करुण पुकार,
हारें के सहारे आजा,
तेरा दास पुकारे आजा ॥
लाख चाहू मगर,
बात बनती नहीं, क्या करूँ,
नाव भटके मेरी,
पार लगती नहीं, क्या करूँ,
कैसे नैया होगी पार,
टूट गयी पतवार, ओ श्याम,
अब हाथ तू आके, लगा जा,
कैसे नैया होगी पार,
टूट गयी पतवार, ओ श्याम,
अब हाथ तू आके, लगा जा,
हम तो खड़े तेरे द्वार,
सुनले करुण पुकार,
हारें के सहारे आजा,
तेरा दास पुकारे आजा,
हारे के सहारे आजा,
तेरा दास पुकारे आजा ॥
आओ श्याम आओ श्याम
आओ श्याम आओ श्याम,
हारे के सहारे आजा,
तेरा दास पुकारे आजा,
हम तो खड़े तेरे द्वार,
सुनले करुण पुकार,
हारें के सहारे आजा,
तेरा दास पुकारे आजा ॥
कोई सुनता नहीं,
मैं सुनाऊ किसे, ये बता,
कोई सुनता नहीं,
सुनाऊ किसे, ये बता,
दर्द दिल का भला,
मैं दिखाऊ किसे, ये बता,
तेरे होते मेरी हार,
कैसे होगी सरकार,
तेरे होते मेरी हार,
कैसे होगी सरकार,
एक बार तू धीर बंधा जा,
हम तो खड़े तेरे द्वार,
सुनले करुण पुकार,
हारें के सहारें आजा,
तेरा दास पुकारे आजा,
हारे के सहारें आजा,
तेरा दास पुकारे आजा ॥
है भरोसा तेरा,
अब सहारा तेरा, साँवरे,
अब सहारा तेरा, साँवरे,
तेरे चरणों में है,
अब गुजारा मेरा, साँवरे,
गंभीर ईक बार,
आजा लीले पे सवार,
हो मेरे श्याम ईक बार,
आजा लीले पे सवार
आके मोर छड़ी लगाजा
हम तो खड़े तेरे द्वार,
सुनले करुण पुकार,
हारें के सहारें आजा,
तेरा दास पुकारे आजा,
हारे के सहारें आजा,
तेरा दास पुकारे आजा ॥
प्रेम तुमसे किया
प्रेम तुमसे किया,
तो गलत क्या किया,
प्रेम तुमसें किया,
तो गलत क्या किया,
ज़िन्दगी ये अब तो तेरे,
नाम है सांवरे ॥
लोग कहते है की,
मैं तो हूँ खुश नसीब,
श्याम प्रेमी हूँ मैं,
श्याम मेरे करीब,
दिल जो तुमको दिया,
तो गलत क्या किया,
दिल जो तुमको दिया,
तो गलत क्या किया,
ज़िन्दगी ये अब तो तेरे,
नाम है सांवरे ॥
प्रेम में हार का,
भी अलग है मजा,
कोई समझे ख़ुशी,
कोई समझे सजा,
चैन भी खो दिया,
तो गलत क्या किया,
चैन भी खो दिया,
तो गलत क्या किया,
ज़िन्दगी ये अब तो तेरे,
नाम है सांवरे ॥
है भरोसा मुझे,
श्याम आएँगे जरूर,
प्यार अपना 'मोहित'
वो लुटाएंगे जरूर,
ये भरोसा किया,
तो गलत क्या किया,
ये भरोसा किया,
तो गलत क्या किया,
ज़िन्दगी ये अब तो तेरे,
नाम है सांवरे ॥
क्यूँ घबराऊँ मैं मेरा तो श्याम से नाता है
क्यूँ घबराऊँ मैं,
मेरा तो श्याम से नाता है,
मेरी ये जीवन गाड़ी,
मेरी ये जीवन गाड़ी,
श्याम चलाता है,
क्यूँ घबराऊँ मैं,
मेरा तो श्याम से नाता है ॥
जब जब मुझको,
पड़ती है दरकार,
श्याम हमेशा रहता है तैयार,
श्याम ने मुझपर,
किया बहुत उपकार,
श्याम ही मेरे जीवन का आधार,
हरदम ये मुझपर अपना,
हरदम ये मुझपर अपना,
प्यार लुटाता है,
क्यूँ घबराऊँ मै,
मेरा तो श्याम से नाता है ॥
दुःख के बादल,
जब जब मंडराते,
श्याम नाम लेते ही,
छट जाते,
बाल भी बांका वो ना कर पाते,
कभी दुबारा नजर भी ना आते,
संकट आने से पहले,
संकट आने से पहले,
श्याम आता है,
क्यूँ घबराऊँ मै,
मेरा तो श्याम से नाता है ॥
मेरे मन में आता,
जो भी ख्याल,
श्याम व्यवस्था करता है तत्काल,
हरपल मुझको ये ही रहा संभाल,
श्याम कृपा से मैं हूँ मालामाल,
जिसके लायक ही नहीं मैं,
जिसके लायक ही नहीं मैं,
वो मिल जाता है,
क्यूँ घबराऊँ मै,
मेरा तो श्याम से नाता है ॥
श्याम भरोसे मैं,
निश्चिन्त हूँ,
क्युकी मैं तो श्याम पे आश्रित हूँ,
श्याम चरण में पूर्ण समर्पित हूँ,
इसीलिए मैं सदा सुरक्षित हूँ,
जी भर के 'बिन्नू' को ये,
जी भर के 'बिन्नू' को ये,
लाढ़ लढ़ाता है,
क्यूँ घबराऊँ मै,
मेरा तो श्याम से नाता है ॥
क्यूँ घबराऊँ मैं,
मेरा तो श्याम से नाता है,
मेरी ये जीवन गाड़ी,
मेरी ये जीवन गाड़ी,
श्याम चलाता है,
क्यूँ घबराऊँ मैं,
मेरा तो श्याम से नाता है ॥
सांवरा जब मेरे साथ है
सांवरा जब मेरे साथ है,
हमको डरने की क्या बात है ।
इसके रहते कोई कुछ कहे,
बोलो किसकी यह औकात है ॥
छाये काली घटाए तो क्या,
इसकी छतरी के नीचे हूँ मैं ।
आगे आगे यह चलता मेरे,
मेरे मालिक के पीछे हम मैं ।
इसने पकड़ा मेरा हाथ है,
मुझको डरने की क्या बात है ॥
इसकी महिमा का वर्णन करू,
मेरी वाणी में वो दम नहीं ।
जब से इसका सहारा मिला
फिर सताए कोई गम नहीं ।
बाबा करता करामत है
हमको डरने की क्या बात है ॥
क्यों मैं भटकू यहाँ से वहां
इसके चरणों में है बैठना ।
झूठे स्वार्थ के रिश्ते सभी,
कहना से है रिश्ता बना ।
ये करता मुलाकात है,
हमको डरने की क्या बात है ॥
जहां आनद की लगती झड़ी,
ऐसी महफ़िल सजता है ये ।
‘बिन्नू’ क्यों ना दीवाना बने,
ऐसे जलवे दिखता है ये ।
दिल चुराने में विख्यात है,
हमको डरने की क्या बात है ॥
एक आस तुम्हारी है
एक आस तुम्हारी है,
विश्वास तुम्हारा है,
अब तेरे सिवा बाबा,
कहो कौन हमारा है,
एक आस तुम्हारी है,
विश्वास तुम्हारा है ॥
फूलों में महक तुमसे,
तारों में चमक तुमसे,
मेरे बाबा…..,
”इतना बता दो कहा तुम नहीं हो,
ये सब को पता है की तुम हर कहीं हो,
अगर तुम ना होते तो दुनिया ना होती,
अँधेरा मिटाती है तेरी ही ज्योति,
अँधेरा मिटाती है तेरी ही ज्योति।”
फूलों में महक तुमसे,
तारों में चमक तुमसे
बर्फो में शीतलता,
अग्नि में धधक तुमसे,
अग्नि में धधक तुमसे,
जिस ओर नज़र डालू,
तेरा ही नजारा है,
अब तेरे सिवा बाबा,
कहो कौन हमारा है।
एक आस तुम्हारी हैं,
विश्वास तुम्हारा है ॥
मझधार में नैया है,
मजबूर खिवैया है,
कन्हैया………………
”विश्वास मेरा ये टूटे ना प्यारे,
तुम्हीको लगानी है नैया किनारे,
चले आओ ढूंढो ना कोई बहाना
सोचो जरा है ये रिश्ता पुराना,
सोचो जरा है ये रिश्ता पुराना।“
मझधार में नैया है,
मजबूर खिवैया है,
नैया का खिवैया तो,
अब तू ही कन्हैया है,
अब तू ही कन्हैया है,
भव पार लगा बाबा,
मझधार किनारा है,
अब तेरे सिवा बाबा,
कहो कौन हमारा है।
एक आस तुम्हारी हैं,
विश्वास तुम्हारा है ॥
इस तन में रमे हो तुम,
इस मन में रमे हो तुम,
ऐ मेरे बाबा……
“तुझसे जुडी है मेरी हर कहानी,
तुम्ही दे रहे हो मुझे दाना पानी,
ये अहसान तेरा मैं कैसे चुकाऊं,
दिया है जो तूने मैं ना भूल पाऊं,
दिया है जो तूने मैं ना भूल पाऊं।“
इस तन में रमे हो तुम,
इस मन में रमे हो तुम,
मैं तुमको कहा ढूँढूँ,
इस दिल में बसे हो तुम,
इस दिल में बसे हो तुम,
घनश्याम दरस दे दो,
कोई ना हमारा है,
अब तेरे सिवा बाबा,
कहो कौन हमारा है ।
एक आस तुम्हारी हैं,
विश्वास तुम्हारा है ॥
नैया है मझधार श्याम इसे
नैया है मझधार श्याम इसे,
पार लगा जाओ,
ओ लीले असवार दयालु,
जल्दी आ जाओ,
आ जाओ प्रभु आ जाओ प्रभु,
लीले चढ़ के आ जाओ ॥
नैया मेरी डूब रही है,
केवट बैठा है चुपचाप,
मेरी बर्बादी की लीला,
कैसे देख रहे हो आप,
क्यों करते इंकार,
मुझे यह भेद बता जाओ।
ओ लीले असवार दयालु,
जल्दी आ जाओ,
नैया है मझधार ॥
तूफानों से लड़ते-लड़ते,
हार गया है दास तेरा,
तुझपर दारमदार प्रभु अब,
टूटे ना विश्वास मेरा,
संभालो पतवार,
भँवर से इसे बचा जाओ।
ओ लीले असवार दयालु,
जल्दी आ जाओ,
नैया है मझधार ॥
बीच भँवर में दूजा केवट,
श्याम कहां से लाऊं मैं,
तुझ बिन रक्षा हो नहीं सकती,
कितना भी चिल्लाऊं मैं,
तेरा ही आधार,
प्रभु मोहे धीर बंधा जाओ।
ओ लीले असवार दयालु,
जल्दी आ जाओ,
नैया है मझधार ॥
दीनदयालु नाम तुम्हारा,
नाम की लाज रखो सरकार,
थोड़ी सी अगर किरपा करो तो,
हो जाएगा बेड़ा पार,
'बिनू' है लाचार,
प्यार अपना बरसा जाओ।
ओ लीले असवार दयालु,
जल्दी आ जाओ,
नैया है मझधार ॥
दीनानाथ मेरी बात
दीनानाथ मेरी बात,
छानी कोणी तेरे से,
आँखड़ली चुराकर बाबा,
जासी कठे मेरे से…
खाटू वाले श्याम तेरी, शरण में आ गयो,
श्याम प्रभु रूप तेरो, नैना में समा गयो,
बिसरावे मत बाबा, हार मानी तेरे से,
आँखड़ली चुराकर…
बालक हु में तेरो श्याम, मुझको निभायले,
दुखड़े को मारयो, मने कालजे लगायले,
पथ दिखलादे बाबा, काड दे अँधेरे से,
आँखड़ली चुराकर…
मुरली अधर पे, कदम तले झूमे हे,
भक्त खड़ा तेरे, चरणा ने चूमे हे,
खाली हाथ बोल कइया, जाऊ तेरे डेरे से,
आँखड़ली चुराकर …
खावो होते खीर चूरमो, लीले ऊपर घूमो हो,
सेवका॑ न दाता मेरो, कदे नहीं भूलो हो,
टाबरिया की झोली, भर जावे थारे डेरे पे
आँखड़ली…
तू ही मेरा हमदम बाबा, तू ही मेरा यार है,
खाटूवाले श्याम बाबा, तू ही मेरा प्यार है,
इतनो तो बत्लादे, दूर जाऊ क्यों मै तेरे से,
आँखड़ली…
बोलो बोलो प्रेमियों
बोलो बोलो प्रेमियोंओ श्याम बाबा की जय,
श्याम बाबा की जय खाटू वाले की जय ,
बोलो बोलो प्रेमियोंओ श्याम बाबा की जय,
खाटू की पावन गलियों में गूंज रहा जय कारा,
हारे का दुनिया में भक्तो बाबा श्याम सहारा,
जिस का साथ निभाता बाबा उसकी सदा विजय,
बोलो बोलो प्रेमियोंओ श्याम बाबा की जय
जो भी खाटू आ जाये मन ईशा फल पाये,
खाटू वाला उन भक्तो के सारे कष्ट मिटाये,
जो भी जय बाबा की रहे न कोई भये,
बोलो बोलो प्रेमियोंओ श्याम बाबा की जय
श्याम धनी के जय कारे से होता है मन पावन,
नरसी ये खाटू वाला पतझड़ को करदे स्वान,
भक्तो की किस्मत का सूरज हो जाता उदय,
बोलो बोलो प्रेमियोंओ श्याम बाबा की जय
कुछ दो या ना दो श्याम, इस अपने दीवाने को
कुछ दो या ना दो श्याम, इस अपने दीवाने को
दो आँसुं तो दे-दे, चरणों में बहाने को
नरसी ने बहाये थे, मीरा ने बहाये थे
हो जी हो
नरसी ने बहाये थे, मीरा ने बहाये थे
जब-जब भी कोई रोया, तुम दौड़ के आये थे
काफी है दो बुँदे, घनश्याम रिझाने को
दो आँसुं तो दे-दे, चरणों में बहाने को
आँसुं वो खजाना है, किस्मत से मिलता है
हो जी हो
आँसुं वो खजाना है, किस्मत से मिलता है
इनके बह जाने से, मेरा श्याम पिघलता है
करुणा का तुं सागर है, अब छोड़ बहाने को
दो आँसुं तो दे-दे, चरणों में बहाने को
दुःख में बह जाते हैं, खुशियों में जरुरी हैं
हो जी हो
आंसू के बिना 'राजू', हर बात अधूरी हैं
पूरा करते आँसुं, हर इक हर्जाने को
दो आँसुं तो दे-दे, चरणों में बहाने को
कुछ दो या ना दो श्याम, इस अपने दीवाने को
दो आँसुं तो दे-दे, चरणों में बहाने को
पकड़ लो हाथ बनवारी
पकड़ लो हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे,
हमारा कुछ ना बिगड़ेगा,
तुम्हारी लाज जाएगी,
पकड़ लों हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे ॥
धरी है पाप की गठरी,
हमारे सर पे ये भारी,
वजन पापो का है भारी,
इसे कैसे उठाऐंगे,
पकड़ लों हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे ॥
तुम्हारे ही भरोसे पर,
जमाना छोड़ बैठे है,
जमाने की तरफ देखो,
इसे कैसे निभाएंगे,
पकड़ लों हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे ॥
दर्दे दिल की कहे किससे,
सहारा ना कोई देगा,
सुनोगे आप ही मोहन,
और किसको सुनाऐंगे,
पकड़ लों हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे ॥
फसी है भवँर में नैया,
प्रभु अब डूब जाएगी,
खिवैया आप बन जाओ,
तो बेड़ा पार हो जाये,
पकड़ लों हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे ॥
पकड़ लो हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे,
हमारा कुछ ना बिगड़ेगा,
तुम्हारी लाज जाएगी,
पकड़ लों हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे ॥
मेरा हाथ पकड़ ले रे
मेरा हाथ पकड़ ले रे कान्हा मन मेरा गबराये,
काले काले बादल ग़म के बादल सिर पे मेरे मंडराए,
मेरा हाथ पकड़ ले रे कान्हा मन मेरा गबराये,
अगर मेरे वस में होता कन्हियाँ,
किनारे लगा ता खुद अपनी नाइयाँ,
यहाँ यहाँ रखु जैसे जैसे रखु पाँव फिसलता जाए,
मेरा हाथ पकड़ ले रे कान्हा मन मेरा गबराये,
अगर आना है तो आ जा कन्हिया,
पार लगा जा बनके खवैया,
धीरे धीरे करके थोरा थोरा करके वक़्त गुजरता जाए,
मेरा हाथ पकड़ ले रे कान्हा मन मेरा गबराये,
नही आना हो तो खबर भेज देना,
हालत उठा के नजर देख लेना,
कही ऐसा ना हो तेरे भरोसे बनवारी रे गए,
मेरा हाथ पकड़ ले रे कान्हा मन मेरा गबराये,
आयो साँवरियो सरकार लीले पे चढ़ के
आयो साँवरियो सरकार लीले पे चढ़ के,
लीले पे चढ़ के यो घोड़े पे चढ़ के,
आयो साँवरियो सरकार लीले पे चढ़ के,
मुछा की मरोड़ कैसे रॉब है निराला,
धुनगर वाला बाल मेरो सांवरो रखलो तो,
तो लीले की टाप टप टप खड़के,
आयो साँवरियो सरकार लीले पे चढ़ के...
केसरिया है भागो जापे फेटो पचरंगो,
मोर पंख जय पूरी रुमाल है सुरांगो,
तो मुल्क निहारु तने जीब भर के,
आयो साँवरियो सरकार लीले पे चढ़ के
बांकी सी लटक पर बाबलो दीवानो,
मन में मगन मेरो जीब मस्तानो तो,
नहीं कोई दुसरो तो तेरे से भड़के,
आयो साँवरियो सरकार लीले पे चढ़ के
वीर हनुमान के निशान इक हाथ में,
पवन कुमार सोहे सँवारे के साथ में तो,
तो देख के सवारी अंग अंग फड़के,
आयो साँवरियो सरकार लीले पे चढ़ के
श्याम बहादुर शिव आरती उतारे,
अर्ज गुजारे बाबा तन मन वारे तो,
ागियो दयालु दाता दया कर के,
आयो साँवरियो सरकार लीले पे चढ़
श्याम हमारे दिल से पूछो
तर्ज : फूल तुम्हे भेजा है खत में
श्याम हमारे दिल से पूछो कितना तुमको याद किया,
याद में तेरी मुरली वाले जीवन यूँ ही गुजार दिया ।
देखी तेरी भोली सूरत, हम भी तो धोखा खा ही गए ।
तेरी मोहन मीठी मीठी बातों में हम आ ही गए ।
हार गए जीवन में सब कुछ फिर भी तेरा नाम लिया ॥
श्याम हमारे दिल में...
करता हूँ मैं विनती मोहन याद हमेशा तुम आओ ।
हो जो सके तो तुम ही मोहन मेरे दिल में बस जाओ ।
भूल हुई तुझे समझ ना पाया, इस दिल ने लाचार किया ॥
श्याम हमारे दिल में...
अब तो आ ही जाओ मोहन, इतना ना हमे तरसाओ ।
दर्श तेरे की प्यासी अँखियाँ, इन की प्यास बुझा जाओ
छोड़ के इस दुनिया को तेरे चरणों से ही प्यार किया ॥
श्याम हमारे दिल में...
जनम जनम का तुझ से नाता, ये हम भूल ना पाएंगे ।
तुम ही बता दो तुम्हे छोड़ कर, और कहाँ हम जाएंगे ।
तुमने ही अपने भक्तो का हर पल ही उपकार किया ॥
श्याम हमारे दिल में…
साथी हमारा कौन बनेगा
तर्ज़- और इस दिल में क्या रखा है
साथी हमारा कौन बनेगा,तुम नहीं सुनोगे कौन सुनेगा
तुम ना सुनोगे कौन सुनेगा
आ गया दर पे तेरे, सुनाई हो जाये
जिंदगी से दुखो की, विदाई हो जाये
एक नजर कृपा की डालो,मानुगा अहसान ॥
संकट हमारा कैसे टलेगा
तुम ना सुनोगे कौन सुनेगा.......
पानी हे सर से ऊपर,मुसीबत अड़ गयी हे,
आज हमको तुम्हारी,जरुरत पद गयी हे
अपने हाथ से हाथ पकड़लो,मानुगा अहसान ॥
साथ हमारे कौन चलेगा
तुम ना सुनोगे कौन सुनेगा........
तुम्हारे दर पे शायद,हमेशा धर्मी आते,
आज पापी आया हे,श्याम काहे घबराते
हमने सुना हे तेरी नजर में,सब हे एक समान ॥
इसका पता तो आज चलेगा
तुम ना सुनोगे कौन सुनेगा........
वो तेरे भकत होंगे,जिन्हे हे तुमने तारा,
बता ए मुरलीवाले,कौन सा तीर मारा
भकत तुम्हारे भक्ति करते,लेते रहते नाम ॥
काम ती उनका करना पड़ेगा
तुम ना सुनोगे कौन सुनेगा............
पाप की गठड़ी सर पर,लाढ कर में लाया
बोझ कुछ हल्का कर दे,उठाने ना पाया
फर्ज की रह बता संजू,हो जाये कल्याण ॥
इसमें तुम्हारा कुछ ना घटेगा
तुम ना सुनोगे कौन सुनेगा.........
करुणा निधान संवारा रखता
तर्ज- मिलती है जिंदगी में मोहब्बत कभी कभी
करुणा निधान संवारा रखता मेरी खबर,
हर पल सहारा श्याम का मैं क्यों करू फ़िक्र,
क्या क्या ये दे रहा मुझे कैसे बताऊ मैं,
बिगड़े काम को कैसे गिनाऊ मैं,
जब भी पुकारू दौड़ के आता है मेरे घर,
करुणा निधान संवारा रखता मेरी खबर
ये ही समबालता मुझे गिरने से थाम ता,
करता सदा ये माफ़ ये मेरी सभी खता,
इस की दया से हो रहा मेरा गुजर वसर,
करुणा निधान संवारा रखता मेरी खबर
जाऊ याहा मैं भी रस्ता दिखा रहा ,
अपने ही प्रेमियों से ये मुझको मिला रहा,
चलता है साथ साथ में बन कर के हमसफ़र,
करुणा निधान संवारा रखता मेरी खबर
ऐसे दयालु देव की करता हु बंदगी,
लिखदी है इसके नाम से मैंने ये ज़िंदगी ,
बिनु ने इसका फैसला छोड़ा है श्याम पर,
करुणा निधान संवारा रखता मेरी खबर
श्याम थारी चौखट पे
श्याम थारी चौखट पे,
आया हूँ मैं हार के,
लायक बना ल्यो म्हाने,
थारे दरबार के,
लायक बना ल्यो म्हाने,
थारे दरबार के।।
तर्ज – छूप गया कोई रे दूर से पुकार के।
हार्योड़ा को साथी थाने,
दुनिया बतावे है,
देख ल्यो अठी ने कानी,
लाज म्हारी जावे है,
कद्स्यु खड़यो हूँ बाबा,
कद्स्यु खड़यो हूँ बाबा,
हाथ पसार के,
लायक बना ल्यो म्हाने,
थारे दरबार के।।
थक सो गयो हूँ बाबा,
जग के झमेले में,
जियो घबरावे म्हारो,
सोच के अकेले में,
कालजे लगा लो इब थे,
कालजे लगा लो इब थे,
अवगुण विसार के,
लायक बना ल्यो म्हाने,
थारे दरबार के।।
सुख में तो जग यो सारो,
साथ निभावे है,
पण दुखड़े में कोई,
नीडे नही आवे है,
डगमग है नैया भारी,
डगमग है नैया म्हारी,
बिना पतवार के,
लायक बना ल्यो म्हाने,
थारे दरबार के।।
थारो साथ पा के मैं भी,
जीनो सिख जाऊंगा,
थे भी ठुकरा द्योगा तो,
जी नहीं पाऊंगा,
हार के आयो है ‘बिन्नू’,
हार के आयो है ‘बिन्नू’,
द्वारे सरकार के,
लायक बना ल्यो म्हाने,
थारे दरबार के।।
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