गजानन महाराज भजन
गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है
आवो आवो बेगा आवो, चाव दरश को भारी है
गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है ।। टेर।।
थे आवो जद काम बणेला था पर सारी बाजी है
रणत भँवर गढ़ वाला सुणल्यो चिंता म्हाने लागी है
देर करो ना अब तरशाओ चरणा म अर्ज हमारी है
गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है ।।1।।
रिद्धिसिद्धि ले आवो विनायक दयो दरशन थारा भक्ता न
भोग लगावा धोक लगावा पुष्प चढ़ावा चरणा म
गजानंद थारा हाथा म अब तो लाज हमारी है
गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है।।2।।
भगता की विनती सुन ली है शिव सूत प्यारो आयो हैं
जय जयकार करो गणपति की आकर मन हर्षायो है
बरसलो रस अब भजना में नंदू महिमा न्यारी है
गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है ।।3।।
दूसरा भजन
महाराज गजानंद आओ जी
म्हारी सभा में रंग बरसाओ जी ।। टेर।।
रणत भंवर से आओ गजानंद,
रिद्धि सिद्धि संग में लाओ जी।।१।।
पार्वती के देवापुत्र कहावो,
शंकर के मन भाओजी ।। २।।
चंदन चौकी देवा आप विराजो,
केसर तिलक लगाओ जी।। ३।।
मूषक वाहन देवा आप विराजो
मोदक का भोग लगाओ जी ।।४।।
तानसेन गणपति गुण गावे,
भूल्या न राह दिखाओ जी ।।५।।
श्याम बाबा भजन
श्याम तुमसे मिलने का सत्संग ही बहाना है
दुनिया वाले क्या जाने अपना रिश्ता पुराना है ।। टेर।।
मथुरा में ढूंढा तुझे गोकुल में पाया है
वृंदावन की गलियों में मेरे श्याम का ठिकाना है ।।1।।
रामायण में ढूंढा तुझे भागवत में पाया है
गीता के पन्नों में मेरे श्याम का ठिकाना है ।।2।।
ग्वालों में ढूंढा तुझे गोपियों में पाया है
राधा जी के हृदय में मेरे श्याम का ठिकाना है ।।3।।
मंदिर में ढूंढा तुझे गलियों में पाया है
भक्तों के हृदय में मेरे श्याम का ठिकाना है ।।4।।
हनुमानजी महाराज भजन
ना स्वर है ना सरगम है ना लय तराना है
हनुमान के चरणों में एक फूल चढ़ाना है ।।टेर।।
जब बाल समय तुम ने सूरज को निगल डाला,
अभिमानी सुरपति का सब दर्प मसल डाला,
हनुमान हुए तब से संसार ने जाना है ।।1।।
सब दुर्ग ढहा करके लंका को जलाए तुम,
सीता की खबर लाए लक्ष्मण को बचाए तुम,
प्रिय भरत सर इसे तुमको श्रीराम ने माना है ।।2।।
जब राम नाम तुमने पाया ना नगीने में,
तुम चीर दिए सीना सियाराम थे सीने में,
विस्मित जग ने देखा कभी राम दीवाना है।।3।।
हे अजर अमर स्वामी तुम हो अंतर्यामी,
मैं दीन हीन चंचल अभिमानी मै अज्ञानी,
तुमने जो नजर फेरी मेरा कौन ठिकाना है।।4।।
सावंरिया भजन
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी है
यह तो जाने दुनिया सारी है ।। टेर।।
राजाओ के राजा, महारानी की रानी,
सर मोर मुकुट साजे ।
जोड़ी बड़ी प्यारी, दरबार है प्यारा,
राधा के संग साजे ।
सोने पल में सेठ, सोने पल में सेठानी है,
यह तो जाने दुनिया सारी है...
सांवरिया राधा जी, भक्ता पे है राजी,
करे घणो लाड है ।
भण्डार लुटावे है, हर बात बनावे है, भक्ता रा ठाट है,
देवे छपर फाड़, नहीं इनसो कोई दानी है ।
यह तो सारी दुनिया जानी है...
सुख दुःख में सावरिया, सुख दुःख में राधा जी,
सदा तेरे साथ है ।
मेरी चिंता दूर करे, मेरी विपदा दूर करे,
रख लेवे बात है ।
भक्ता रोतो काम बस इक हाजरी लगानी है,
यह तो जाने दुनिया सारी है...
श्याम बाबा भजन 2
हारा हूँ बाबा पर तुझपे भरोसा है
हारा हूँ बाबा पर तुझपे भरोसा है,
जीतूगा एक दिन मेरा दिल ये कहता है,
मेरे माजी बन जाओ मेरी नाव चला जाओ,
बेटे को बाबा श्याम गले लगा जाओं,
हारा हूँ बाबा पर तुझपे भरोसा है ।। टेर ।।
मैंने सुना है तू दुखड़े मिटाता बिन बोले भक्तो की बिगड़ी बनता,
मिलता न किनारा है ना कोई और साहरा है,
हारा हूँ बाबा पर तुझपे भरोसा है,
तुमसे ही जीवन मेरा ओ मेरे बाबा कैसे चलेगा समज ना आता
तुम धीर बांधते हो तो सांसे चलती है मुझे समज न आता है मेरी क्या गलती है,
हारा हूँ बाबा पर तुझपे भरोसा है,
परिवार मेरा तेरे गन है गता दोषी तो मैं हु उन्हें क्यों सताता,
उनको भी भरोसा है तूने पाला पोसा है,
हारा हूँ बाबा पर तुझपे भरोसा है,
श्याम बाबा भजन 3
यह प्रार्थना दिल की, बेकार नहीं होगी,
पूरा है भरोसा, मेरी हार नहीं होगी
सांवरे, जब तूं मेरे साथ है,
साँवरे, मेरे सर पे तेरा हाथ है,
विश्वाश नानी और द्रोपदी का रंग लाया,
बहना का भाई बन खुद साँवरा आया,
इज़्ज़त ज़माने में शर्मशार नहीं होगी,
पूरा है भरोसा मेरी हार नहीं होगी,
सांवरे, जब तूं मेरे साथ है,
सांवरे, मेरे सर पे तेरा हाथ है,
मैं हार जाऊं ये कभी हो नहीं सकता,
बेटा अगर दुःख में पिता सो नहीं सकता,
बेटे की हार तुम्हें स्वीकार नहीं होगी,
पूरा है भरोसा मेरी हार नहीं होगी,
साँवरे, जब तूं मेरे साथ है,
सांवरे, मेरे सर पे तेरा हाथ है,
जो हार जाते हैं उनको जिताता है,
राजू कहे बाबा किस्मत जगाता है,
दुनियां में ऐसी तो सरकार नहीं होगी,
पूरा है भरोसा मेरी हार नहीं होगी,
सांवरे, जब तूं मेरे साथ है,
सांवरे, मेरे सर पे तेरा हाथ है,
माताजी का भजन
कर चेत मेरी मइया क्यों देर लगावे है,
कद को थारे द्वार खड़े इब क्यों तरसावे है,
तू गांव थांदड़ में जा कर के विराजी है,
मन में है आश घनी थारे पर बाजी है,
संसार तेरी मैया नित ज्योति जगावे है,
कद को थारे द्वार खड़े......
मैं काली कोसा से हे मात चलो आइयो,
श्रदा के सिवा थारी कशू भेट नहीं लयायो,
तू अपने भग्तो का सब काम बढ़ावे है,
कद को थारे द्वार खड़े..
हे सहस भुजा वाली मने तेरा ही सहारा है,
हे दानधन वाली माँ मने थारो ही सहारा है,
अब सिर पर हाथ तेरो के काल विचारो है,
तेरी शरण घट के गुण हाथ लगावे है,
कद को थारे द्वार खड़े
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