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काशी का टिकट कटा दे मेरे भोले लिरिक्स

 

काशी का टिकट कटा दे मेरे भोले,

 मैं तो बैठ रेल में आऊ  रे मेरे भोले भंडारी ।। टेर।।

इस पार गंगा उस पार यमुना 

मैं तो गंगा में डुबकी लगाओ रे मेरे भोले भंडारी ।।१।।

ढोने में रबड़ी हाथों में जलेबी 

मैं तो बैठे रेल में खाऊं रे मेरे भोले भंडारी ।।२।।

आक धतूरा और बेल पत्ती 

मैं तो बैरों का भोग लगाऊ रे मेरे भोले भंडारी ।।३।।

हाथों में ढोलक साथ में चिमटा 

 गुरु मंडली के संग गाऊ रे मेरे भोले भंडारी ।।४।।


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