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माँ सुणल्यो, माँ सुणल्यो,माँ सुणल्यो शेरावालीये

 माँ सुणल्यो, माँ सुणल्यो,माँ सुणल्यो शेरावालीये 




माँ सुणल्यो, माँ सुणल्यो,माँ सुणल्यो शेरावालीये कबस्यु पुकारू मैया सुणल्यो जोतावालिये ।।टेर।।

कब्सयू खड्यो हु तेरे दर को भिखारी ,
 सुणले ओ माता रानी अब तो हमारी ।।1।।


सिंधु सम हियो मेरो उमडयो माँ आवे,
काली घटा सम दोउ नैना बरसावे।।2।।


ज्यादा अब अइया मैया मत तरसाओ,
हिवड़ो तिहारो अम्बे मोम बनाओ ।।3।।

माफ करो भूल सब ममता की मैया,
ले वो पतवार पार करो मेरी नैया।।4।।


अरजी को गर नंद जोर है मेरो, 
कर दे मां मर्जी मंगल गावा जस थारो ।।5।।




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