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गणेश जी के भजन ganesh ji ke bhajan

 गणेश जी के भजन

गणेश जी के भजन


गणपति जी के भजन

सजा दो घर को गुलशन सा मेरे गणराज आए

सजा दो घर को गुलशन सा 
मेरे गणराज आये है 
लगी कुटिया भी दुल्हन सी 
मेरे गणराज आये है ।।1।।

पखारो इनके चरणों को 
बहाकर प्रेम की गंगा 
बिछा दो अपनी पलकों को 
मेरे गणराज आये है ।।2।।

उमड़ आयी मेरी आँखे 
देखकर अपने बाबा को 
हुयी रोशन मेरी गलिया 
मेरे गणराज आये है ।।3।।

तुम आकर फिर नही जाना 
मेरी इस सुनी दुनिया से
कहू हरदम यही सबसे 
मेरे गणराज आये है ।।4।।

लगी कुटिया भी दुल्हन सी 
मेरे गणराज आये है 
सजा दो घर को गुलशन सा 
मेरे गणराज आये है।।5।।


मोरे अंगना गजानन आये री



मोरे अंगना गजानन आये री 
आये री आये मोरे भाग्य जगाये 
मोरे अंगना गजानन आये री  ।।टेर।।

विघ्नहरण मंगल सुखकारी 
कर आये मूसा सवारी 
द्वार हमारे बड़े प्रेम से
सुंड हिलाते ही आये री 
मोरे अंगना गजानन आये री ।।1।।

दीप जले है द्वारन द्वारे 
शुभ हरियाली वंदन वारे 
चन्दन चौक पिढ़ैया बैठे 
लडूअन गटागट  खाए री 
मोरे अंगना गजानन आये री ।।2।।

जिस घर में गणराज पधारे 
उसके हो गये वारे न्यारे 
आज मोरे घर आके प्रभुजी 
सोरे भाग्य जगाये री 
मोरे अंगना गजानन आये री ।।3।।

दस दिन रहकर जब जाओगे 
स्वामी याद बहुत आओगे 
ये भक्त गजानन तेरी 
महिमा हरदम गाये री 
मोरे अंगना गजानन आये री ।।4।।

मोरे अंगना गजानन आये री 
आये री आये मोरे भाग्य जगाये 
मोरे अंगना गजानन आये री ।।5।।


मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ



फ़िल्मी तर्ज - मनिहारी का भेष बनाया

मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ,
आओ जी गजानन आओ ।।टेर।।

ब्रह्मा तुम भी पधारो,
विष्णु तुम भी पधारो।२।
भोले शंकर को साथ ले आओ,
आओ जी गजानन आओ।२।
मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ,
आओ जी गजानन आओ।।1।।

लक्ष्मी तुम भी पधारो,
गौरा तुम भी पधारो।
सरस्वती को साथ ले आओ
मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ,
आओ जी गजानन आओ।।2।।

राम तुम भी पधारो,
लक्ष्मण तुम भी पधारो।
सीता मैया को साथ ले आओ।
मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ,
आओ जी गजानन आओ।।3।।

श्याम तुम भी पधारो,
राम तुम भी पधारो।
राधा रानी को साथ ले आओ,
मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ,
आओ जी गजानन आओ।।4।।

हनुमत तुम भी पधारो,
नारद तुम भी पधारो।
मैया रानी को साथ ले आओ,
मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ,
आओ जी गजानन आओ।।5।।

पांव में घुंघरू हाथों में कंगना



पांव में घुंघरु हाथों में कंगना,
आए गजानन गोरा जी के अंगना। 1।।

ताता सा पानी सिला रे उबटन
नहाए गजानन शंकर जी के अंगना
धीरे धीरे गोरा झुलाय रही पलना
पांव में घुंघरु हाथों में कंगना,
आए गजानन गोरा जी के अंगना ।।2।।

पात पीतांबर ध्वजा धोवती
पहने रे गजानन भोले जी के अंगना
धीरे धीरे गोरा झुलाय रही पलना
पांव में घुंघरु हाथों में कंगना
आए गजानन गोरा जी के अंगना ।।3।।

घिस घिस चंदन भरी रे कटोरी
तिलक लगाय रहे,भोले जी के अंगना
धीरे धीरे गोरा झुलाय रही पलना
पांव में घुंघरु हाथों में कंगना,
आए गजानन गोरा जी के अंगना ।।4।।

हरे हरे दोने में मगद के लड्डू
भोग लगाय रहे,भोले जी के अंगना
धीरे धीरे गोरा झुलाय रही पलना
पांव में घुंघरु हाथों में कंगना
आए गजानन गोरा जी के अंगना ।।5।।

कोरे कोरे मटके में ठंडा ठंडा पानी
 पीवे गजानन,भोले जी के अंगना
धीरे धीरे गोरा झुलाय रही पलना
पांव में घुंघरु, हाथों में कंगना
आए गजानन गोरा जी के अंगना ।।6।।



हे जग वदन गौरी नंदन



तर्ज – हे दुःख भंजन।

हे जगवंदन गौरी नंदन,
कर दो भव से पार,
गजानन आया तेरे द्वार,
गजानन आया तेरे द्वार।।
रिद्धि सिद्धि के,
तुम हो स्वामी,
हे गणनायक अंतर्यामी,
गौरी माँ के राज दुलारे,
भक्तो को दो प्यार,
गजानन आया तेरे द्वार,
गजानन आया तेरे द्वार।

हें जगवँदन गौरी नंदन,
कर दो भव से पार,
गजानन आया तेरे द्वार,
गजानन आया तेरे द्वार।।

बुद्धि विवेक के,
तुम हो दाता,
भक्तो के तुम भाग्यविधाता,
भाव भजन से गाउँ तोहे,
मेरा करो उद्धार,
गजानन आया तेरे द्वार,
गजानन आया तेरे द्वार।

हें जगवँदन गौरी नंदन,
कर दो भव से पार,
गजानन आया तेरे द्वार,
गजानन आया तेरे द्वार।।




1 टिप्पणी:

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